आथर घाट पुल का एप्रोच पथ निर्माण आधा-अधूरा छोड़ निर्माण एजेंसी तंबू समेत हुआ रफूचक्कर

मुजफ्फरपुर

Mujaffarpur,brahmanand Thakur : बूढ़ी गंडक नदी के आथर घाट पर निर्मित पुल के एप्रोच पर निर्माण एजेंसी की मनमानी एवं निर्माण कार्य में अनियमितता पर ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन किया था। इसके हफ्तों बाद प्रशासन हरकत में आया और एप्रोच पर का निर्माण कार्य प्रारम्भ हुआ।इससे स्थानीय जनता में उम्मीद जगी‌। अब वह उम्मीद भी खत्म होता दिखाई दे रहा है। एजेंसी द्वारा काम तेजी से चल रहा था। पूरे बांध पर स्टोन बिछा कर रोलिंग का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका था। रोड को लेकर ग्रामीणों में काफी हर्ष का माहौल था। ग्रामीण बताते हैं कि रोलिंग का काम लगभग पूरा हो गया है। अब कालीकरण का ही काम बचा हुआ है 1 हफ्ते से अधिक दिन गुजर जाने के बाद ग्रामीणों में मायूसी छा गई है, क्योंकि कालीकरण किए ही बगैर निर्माण एजेंसी अपना तंबू-बंबू लेकर रफूचक्कर हो गया।

बांध पर न कोई कार्य करने वाले कर्मी हैं और नहीं किसी प्रकार की कोई मशीन है। इस वजह से ग्रामीणों में मायूसी छा गई है। रोलिंग की हुई स्टोन अब बाहर आना शुरू हो गया है, बांध पर कई जगह स्टोन निकल जाने से गड्ढे भी नजर आने लगे हैं। समय रहते अगर निर्माणाधीन रोड का कालीकरण नहीं किया गया तो देखते ही देखते सारे स्टोन बिखर जाएंगे और रोड फिर गड्ढे में तब्दील हो जाएगा। ग्रामीणों नेनिर्माण एजेंसी के कार्यों में भारी अनियमितता का आरोप लगाया है। जिस पुलिया के पास बाढ़ के समय में पानी का उफान रहता है, वह पुलिया निर्माण एजेंसी के कार्य का पोल खोलता दिखाई दे रहा है। आथर घाट पर बने पुल के उत्तरी छोर पर बने पुलिया में एक ही फ्लैंक है।

यह एक फ्लैंक का पुलिया बाढ़ के समय में आए पानी में उफान का दबाव बर्दाश्त नहीं कर पाएगा। पुलिया के ऊपर 5 फिट मट्टी निर्माण एजेंसी द्वारा डाला गया है जिससे यह पुलिया अजूबा दिख रहा है। यहां मिट्टी काकटाव रोकने के लिए सीमेंट के बारे में मिट्टी भरकर छल्ली लगाया गया है ताकि मिट्टी का कटाव न हो। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी पैसों का संबंधित अधिकारियों द्वारा किस तरह दुरुपयोग किया जा रहा है। बिहार राज्य पुल निगम के एसडीओ अम्बरिश सिंह ने बताया कि निर्माण एजेंसी कालीकरण को लेकर मटेरियल जुटाने में लगी है ।एक हफ्ते के अंदर कालीकरण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।