Rabindra Nath Bhaiya: जिले में व्यापक पैमाने पर मजदूरों के दूसरे राज्यों में पलायन के कारण धन कटनी में बाधा उत्पन्न हो गयी है. ऐसे में किसान परेशान हैं. जिले में में तय तिथि पर धान की खरीददारी तो शुरू हो गई , लेकिन इसे खानापूर्ति ही माना जा रहा है.15 नवंबर को सिर्फ जिले के वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र के ठेरा पैक्स में एक किसान से धान की खरीद हुई. बाकी पूरे जिले में अभी भी धान की खरीद शुरू नहीं हुई है. इस साल जिले में अब तक सरकारी स्तर पर सिर्फ एक किसान का ही 10 एमटी धान खरीदा जा सका है। वारिसलीगंज प्रखंड के ठेरा पैक्स में अविनाश कुमार नाम के किसान ने 10 एमटी धान बेचा है। फिलहाल अविनाश पैक्स में धान बेचने वाले जिले के इकलौते किसान है, जबकि 15 नवंबर को ही जिले भर में धान की खरीदारी शुरू होना था। दरअसल 80 फ़ीसदी मजदूरों के ईट भट्ठे पर पलायन के चलते जिले में इस बार धान कटनी भी काफी लेट हो रही है.
जहां हार्वेस्टर से कटनी हुई है वहां भी धान में नमी ज्यादा है. इसके चलते खरीद प्रभावित हो रही है. यह किसानों के लिए यह चिंताजनक है. किसानों का मानना है कि सरकार को धान खरीदने के लिए अपनी नीति को और परिपक्व को करना होगा. प्रक्रिया बहुत धीमी है और नमी आदि के बहाने किसानों को भटकाया जा रहा है. जब तक धान की खरीद तेज होगी तब तक छोटे किसानों का धान बिचैलियों के हाथों बिक चुका होगा. छोटे किसानों को रबी फसल के लिए नवंबर महीने में ही धान पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में छोटे किसानों ने पूंजी के लिए धान बेचना शुरू कर दिया है, जबकि सरकारी स्तर पर अभी धान खरीद शुरू भी नहीं हुई है. इससे धान खरीद का ज्यादा लाभ बिचैलियों को मिलेगा जिन्होंने किसानों का धान सस्ते में खरीदकर डंप कर रखा है.
बैंक से मिला दो लॉट का कैश क्रेडिट:-
जिले के 14 प्रखंडों में कुल 139 पैक्स और व्यापार मंडलों का चयन धान खरीद के लिए किया गया गया है. इसके लिए कोआपरेटिव बैंक के द्वारा सभी समितियों को दो दो लॉट धान खरीद की राशि बतौर कैश क्रेडिट दी जा चुकी है. लेकिन इनमें से ज्यादातर सोसायटी में धान की खरीद शुरू नहीं हो सकी है.139 में से 138 समितियों में खरीदारी नहीं शुरू हो पाई है. सिर्फ वारिसलीगंज के 1 पैक्स में धान की खरीद शुरू हुई है वहां भी धान खरीद की रफ्तार बेहद धीमी है. पहले दिन तो एक ही पैक्स में धान की खरीद हुई लेकिन अगले 1 सप्ताह में धान की खरीद में तेजी आने की उम्मीद है. सहकारिता कार्यालय के अनुसार अभी 90 फ़ीसदी फसल खेतों में लगी है. देर तक बारिश होने के कारण खेतों में नमी की भी समस्या है. इसके चलते सभी जगह खरीददारी शुरू होने में बिलम्ब हो रहा है.
धान की खरीदारी से किसानों को मिलेगी रबी फसल की पूंजी:-
मध्यम और छोटे किसानाें को उम्मीद है कि समय रहते सरकारी धान की सही कीमत मिल जाएगी तो आगे का काम आसानी से हो जायेगा. किसानों के पास बीज एवं खाद के लिए पैसे नहीं हैं. जिससे रबी फसलों की बुआई प्रभावित हो रही है और जुताई, पटवन व खाद की पूंजी नहीं मिल रही है.