Nawada : होम डिलेवरी सख्ती के साथ बंद कर संस्थागत प्रसव शत्-प्रतिशत करायें:-डीएम

नवादा

Rabindra Nath Bhaiya: उदिता सिंह जिला पदाधिकारी ने समाहरणालय सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न प्रकार के सरकार की कल्याणकारी और महत्वकांक्षी योजनाओं कि विस्तृत समीक्षात्मक बैठक किया। उन्होंने सर्वप्रथम सदर हाॅस्पीटल में किये जा रहे सौन्दर्यीकरण के संबंध में सिविल सर्जन से फिडबैक लिया। उन्होंने कहा कि सदर हाॅस्पीटल में आने वाले रोगियों को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो, इसके लिए सभी आवश्यक सूचना फ्लैक्सी के माध्यम से सुलभ करायें। रोगियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदान की जा रही सभी प्रकार की आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करायें। गर्भवती महिलाओं के एएनसी निबंधन की समीक्षा की गई, जिसमें नवादा जिले में 95.81 प्रतिशत पूर्ण हुआ है। जबकि अकबरपुर प्रखंड में एएनसी मात्र 77.33 प्रतिशत हुआ है जो जिले में सबसे न्यूनतम है। जिलाधिकारी ने डाॅ0 अमर प्रकाश एमओआईसी अकबरपुर को कारण पूछा गया तो बताया कि त्योहार के कारण प्रतिशत में गिरावट आयी है। लेकिन अन्य सभी प्रखंडों में 95 प्रतिशत से अधिक उपलब्धि हुई है।

उन्होंने एमओआईसी के कार्य प्रणाली में अपेक्षित सुधार लाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिया और अकर्मण्यता के लिए फटकार भी लगी। जिलाधिकारी के द्वारा अक्टूवर माह 2022 के मीटिंग में ही सभी एमओआई को निर्देश दिया गया था कि सभी गर्भवती महिलाओं की जाॅच शत-प्रतिशत कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जो आशा के द्वारा लक्ष्य के अनुरूप कार्य नहीं करती है, उसे चयनमुक्त करने की कार्रवाई करें। सिंह ने निर्देश दी की जनवरी में एएनसी का डाटा शत-प्रतिशत सभी एमओआईसी कराना सुनिश्चित करेंगे। बैठक में संस्थागत प्रसव की विस्तृत समीक्षा की गयी। जिलाधिकारी ने कहा कि घरों में प्रसव नहीं होनी चाहिए। इसके लिए सभी अस्पतालों में सभी सुविधा प्रदान की गयी है। सरकार के द्वारा निर्धारित राशि के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क खाना भी उपलब्ध करायी जा रही है। इसके अलावे जाॅच/परामर्श और सभी आवश्यक दवाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही है।

संस्थागत प्रसव में सर्वाधिक काशीचक का 78 प्रतिशत एवं सबसे न्यूनतम अकबरपुर का 35 प्रतिशत है। जिलाधिकारी ने कहा कि होम डिलेवरी को शून्य करना है और संस्थागत प्रसव को शत-प्रतिशत करायें। उन्होंने एमओआईसी एवं अन्य डाॅक्टरों को भी सभी गर्भवती महिलाओं से सम्पर्क स्थापित करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि जब सभी प्रकार की सुविधा दी जा रही है तो शत-प्रतिशत गर्भवती महिलाएं अस्पताल में क्यों नहीं आ रही हैं ? उन्होंने शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए डाॅक्टरों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए आशा के माध्यम से सभी गर्भवती महिलाओं को जागरूक करें और हाॅस्पीटल में मिलने वाली सभी सुविधाओं को प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करें।आईसीडीएस के डीपीओ कुमारी रिता सिंहा को निर्देश दिये कि सभी सीडीपीओ के माध्यम से गर्भवती महिलाओं की सूची संबंधित एमओआईसी को उपलब्ध करायें।

प्रखंडों के सभी पंचायतों का प्रभारी डाॅक्टरों की प्रतिनियुक्ति की गयी है। सभी प्रतिनियुक्त डाॅक्टरों को गर्भवती महिलाओं को सम्पर्क स्थापित करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के संचालित विभिन्न कार्यक्रमों को लागातार माॅनेटरिंग करने के लिए दीपक कुमार मिश्रा उप विकास आयुक्त को निर्देश दिया। प्रत्येक सप्ताह के मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की सभी प्रखंडों में समीक्षा बैठक होती है, जिसमें सीडीपीओ को भी सम्मिलित होने का निर्देश दिया गया। सभी एमओआईसी, बीएचएम को लगातार माॅनेटरिंग करने के लिए कहा गया। सभी अस्पतालों में बायोमेट्रिक सिस्टम से उपस्थिति करायी जा रही है। इसके अलावे कुछ डाॅक्टरों का उपस्थिति की निगरानी जिला नियंत्रण कक्ष से की जा रही है। जो डाॅक्टर बिना सूचना के अनुपस्थित पाये जायेंगे उनपर विधि-सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया।

नवजात शिशुओं के लिंगानुपात की समीक्षा की गयी। जिसमें सर्वाधिक हिसुआ का 1129 और सबसे न्यूनतम नारदीगंज और पकरीबरावां बताया गया। उप विकास आयुक्त ने निर्देश दिया कि जिन-जिन प्रखंडों में लिंगानुपात औसत से कम हैं, वहां के अल्ट्रासाउन्डग्राफी सेंटरों पर औचक जाॅच करायें और अवैध कार्य करते हुए पाये जाने पर केन्द्र को सील करते हुए विधि-सम्मत कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। इसके अलावे टीकाकरण के साथ-साथ सभी कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा की गयी। बैठक में डाॅ0 निर्मला कुमारी सिविल सर्जन, डाॅ0 बीपी सिंहा एसीएमओ, डाॅ0 अशोक कुमार डीआईओ, सत्येन्द्र प्रसाद डीपीआरओ, डाॅ0 बीबी सिंह डीपीएम अमित कुमार, सभी एमओआईसी, बीएचएम के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य कर्मी आदि उपस्थित थे.