Bhupendra Singh : उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ में इस समय सब कुछ ठीक नही चल रहा है अब संघ में मुख्यं कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति को लेकर पहले श्रेणी के पदाधिकारियों के बीच रार बढ गयी है। जहां एक ओर पूर्व सीओओ को उनके पद से हटाकर नए सीईओ की कार्यशैली को संघ के आला अधिकारी व पूर्व सचिव पचा नही पा रहे तो वहीं नए सीईओ को संघ में प्रवेश दिलाने वाले सदस्यों को पूर्व सीओओ की ओर से प्रत्येक कार्य पर किए जा हस्तक्षेप करने की प्रक्रिया से खासे नाराज दिखायी दे रहे है। कभी संघ की बैठकों में पूर्व सचिव के कारखास सीईओ अंकित चटर्जी पर सही दिशा में कार्य न कर पाने का आरोप लगाकर कमी निकालने का काम करते हैं तो कभी अंकित चटर्जी को प्रवेश दिलाने वाले पूर्व सीओओ दीपक शर्मा के हर कार्य में हस्तक्षेप करने की बात पर सवाल खडा कर देते हैं।
बतातें चलें कि बोर्ड में सुप्रीम कोर्ट से निर्देशित लोढा समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए सीईओ की नियुक्ति के लिए संघ पर खासा दबाव था। संघ के पूर्व सचिव चाहते थे कि निवर्तमान सीओओ को ही सीईओ के पद पर तैनाती मिल जाए लेकिन उनकी मुराद पूरी नही हो सकी और कई अधिकारियों ने नोएडा के अंकित को सीईओ का पदभार सौंप दिया बस वहीं से रार बढनी शुरु हो गयी और अब थोडा विकराल रूप लेने की ओर अग्रसर हो चली है। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ से जुड़े डॉ. गौर हरि सिंघानिया और क्रिकेट संघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वैसे तो अलग-अलग नियुक्त किए गए हैं लेकिन दोनों में शायद आपसी सामंजस्य ठीक नहीं चल रहा। डॉ गौर हरि सिंघानिया क्रिकेट एकेडमी के प्रभारी प्रदेश संघ के सीईओ पर भारी बैठते दिखाई दे रहे हैं। लगभग 9 महीने पूर्व संघ में सीईओ का कार्यभार पाने वाले अंकित चटर्जी को अभी भी प्रभाव हीन हीं रखा गया है।
यूपीसीए के सीईओ अंकित चटर्जी अभी भी क्रिकेट गतिविधियों से अभी तक दूरी बनाए हुए हैं। इस बीच संघ की ओर से न जाने कितने ही आयोजन कर लिए गए हों लेकिन उन्हे अभी भी पर्दे के पीछे ही रखने की विवशता समझ से परे ही है। वहीं उसके उलट डॉ. गौर हरि सिंघानिया क्रिकेट एकेडमी के सीईओ अभी भी संघ के फैसले पूर्ण रूप से ले रहे हैं। जबकि लोढ़ा समिति की सिफारिशों के आधार पर संघ के सारे फैसले संघ के सीईओ को ही लेने का अधिकार है इसीलिए उनकी नियुक्ति की गयी है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के अभी भी सारे फैसले डॉ. गौर हरि सिंघानिया क्रिकेट एकेडमी के सीईओ दीपक शर्मा की मौजूदगी कुछ और ही बयान कर रही है।
क्रिकेट के जानकारों के मुताबिक दीपक शर्मा के निर्देश पर सारे कार्य को अंजाम दिया जा रहा है जबकि ये नियमों के विपरीत है। क्रिकेट की गतिविधियों को संचालित करने के लिए संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी भी सीईओ के ही सामानान्तर ही है और वह गतिविधियों को संचालित कर सकता है लेकिन यूपीसीए में पद की गरिमा का ख्याल नही रखा जा रहा है। यूपीसीए के एक पदाधिकारी के मुताबिक यूपीसीए और डा. गौर हरि सिंहानिया क्रिकेट एकेडमी जैसे संगठन में अलग-अलग सीईओ की नियुक्ति की गयी है दोनो को अपने अपने कार्य देखने चाहिए।