Kanpur : UPCA ने कूच बिहार ट्रॉफी को बना डाला मजाक

कानपुर

Bhupendra Singh : उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों की लापरवाही और हीलाहवाली ने बीसीसीआई की कूच बिहार ट्रॉफी को मजाक बना डाला। जहां उन्होंने मेहमान टीम के लिए होटल की व्यवस्था नहीं की तो वही मैच रेफरी को भी उन्होंने कोई तवज्जो नहीं दी। मैच रेफरी को रोजाना लखनऊ से आना पड़ा जिससे उन को खासी परेशानी का भी सामना करना पड़ा। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने अपनी टीम को तो शहर के प्रतिष्ठित होटल में रुकने का प्रबंध करवाया तो वही झारखंड की टीम को श्याम नगर स्थित एक होटल में रुकने पर विवश कर दिया। उनके टीम मैनेजर और प्रशिक्षक ने शहर के लगभग सभी होटलों में जा जाकर रुकने की व्यवस्था का जायजा लिया तब जाकर कहीं वह उस होटल में रुक सके। यूपीसीए के पदाधिकारियों ने झारखंड की टीम मैनेजमेंट को कोई भी सपोर्ट नहीं किया।

कूच बिहार ट्रॉफी को बीसीसीआई की ओर से आयोजित कराने आए मैच रेफरी व अंपायरों के साथ यूपीसीए ने मजाक किया उन्हें भी शहर के किसी भी होटल में रुकने की व्यवस्था कराने में असमर्थ रहे। उन्हें लखनऊ के होटल में रुकना पड़ा जिससे उनके कार्यशैली भी प्रभावित देखी गई अंपायरों और मैच रेफरी को लखनऊ आने जाने में भी तकलीफों का सामना करना पड़ा। मैच शुरू होने से पहले ग्रीन पार्क पहुंचना उनके लिए एक युद्ध जीतने जैसा रहा। कूच बिहार ट्रॉफी के लिए बोर्ड से आए मैच रेफरी रितेंद्र सिंह सोढ़ी ने अपने एक करीबी मित्र को यह दुखड़ा बताया।

मैच रेफरी उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के इस रवैये से हतप्रभ रह गए उनके मुताबिक देश के किसी भी कोने में किसी एसोसिएशन ने उनके साथ इस तरह का बर्ताव नहीं किया जिस तरह का बर्ताव भी यूपीसीए की ओर से उन्हें देखने को मिला। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि क्रिकेट से जुड़े होने के नाते उनका फोकस केवल मैच पर ही रहा है लेकिन अगर यूपीसीए के अधिकारी उनका सहयोग करते थे उन्हें ज्यादा अच्छा लगता। बताते चलें कि झारखंड की टीम 23 तारीख को नगर पहुंची थी तब उन्हें 80 फिट रोड स्थित एक छोटे से होटल में ले जाया गया था जिसे टीम प्रबंधन ने रिजेक्ट कर दिया था।

इसके बाद से टीम प्रबंधन ने शहर के लगभग सभी छोटे बड़े होटल देखें लेकिन उन्हें यूपीसीए की ओर से कोई सहयोग परस्पर नहीं मिल सका। जिसके बाद श्याम नगर स्थित एक होटल में मजबूरी वश उन्हें रुकना पडा। यूपीसीए का यह रवैया कूच बिहार ट्रॉफी के लिए एक मजाक बनकर रह गया। यूपीसीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि कुछ लोगों के उदासीन रवैये से इस तरह की घटना हुई है जो किसी एसोसिएशन के लिए शर्मनाक है। अगर दोनों टीमे और मैच रेफरी एक ही होटल में रुकते तो किसी को परेशानी का सामना ना करना पड़ता अगली मीटिंग में इस बार चर्चा भी की जाएगी।