Desk : बिहार में 67वीं बीपीएससी की परीक्षा से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज अभ्यर्थियों में पटना में अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास को घेर लिया है. बड़ी संख्या में सुरक्षाबल मौक़े पर मौजूद हैं. आयोग को दोनों बार न सिर्फ़ पीछे हटना पड़ा, बल्कि प्रतिभागियों के पक्ष में फ़ैसले लेने पड़े. हालाँकि प्रतिभागी अब भी संतुष्ट नहीं हैं. बिहार के सासाराम ज़िले से आकर बीपीएससी के सामने प्रदर्शन कर रहे अभिलाष बीबीसी से बातचीत में कहते हैं देखिए आयोग ने इस बार जो प्री परीक्षा के रिज़ल्ट जारी किए हैं वो विवादित हैं.
वो कहते हैं जैसे मेरे 108 नम्बर आए हैं और पिछड़े वर्ग के साथ ही ईडबल्यूएस का कट ऑफ़ 109 है. आयोग बार-बार रिज़ल्ट में संशोधन कर रहा है. जैसे उसने हाल-फ़िलहाल भी आंदोलन के दबाव में एक सवाल को हटा दिया और 15 प्रतिभागियों को प्री में पास कर दिया. आयोग पारदर्शिता बिल्कुल नहीं बरतता. आयोग के पारदर्शी न होने का आरोप लगाते हुए बीपीएससी के सामने प्रदर्शन कर रहे एक और अभ्यर्थी हरि शंकर कहते हैं- देखिए बीपीएससी देने वाले अधिकांश प्रतिभागी सामान्य और मध्यम वर्ग से ताल्लुक़ रखने वाले होते हैं. बीपीएससी से उन्हें बहुत उम्मीद होती है लेकिन बीपीएससी के रवैए को देखकर बहुत निराशा होती है.
पहले पेपर का लीक होना और अब तो ऐसा लग रहा जैसे बिहार सरकार और न्यायिक सेवा के उच्च पदाधिकारी अपने परिवार से जुड़े लोगों को घुसाने की जुगत साफ़ तौर पर लगा रहे हैं. अब तो आयोग से दिल हटने सा लगा है. प्रदर्शनकारियों में से ही एक नेहा प्रिया कहती हैं कि यह परीक्षा न हो गई न जाने क्या हो गया. हमारी यह स्पष्ट मांग है कि प्री परीक्षा के रिज़ल्ट को सही करके फिर से जारी किया जाए. पेपर लीक मामले के जाँच का ज़िम्मा सीबीआई को दिया जाए.
महिला प्रतिभागियों को 35 प्रतिशत आरक्षण का फायदा दिया जाए और आयोग के अध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार सिंह त्याग पत्र दें. 67वीं बीपीएससी की प्री परीक्षा और उसके रिज़ल्ट पर प्रदर्शनकारियों के विरोध के मद्देनज़र आयोग ने रिज़ल्ट में फेरबदल करते हुए 15 और प्रतिभागियों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए अहर्ता प्रदान की है.
लेकिन प्रदर्शनकारियों की अगुवाई कर रहे छात्र नेता दिलीप कुमार कहते हैं आयोग ने 9 सवाल के उत्तर ग़लत दिए हैं. उसका सुधार करते हुए हर कैटेगरी में कट ऑफ़ कम करते हुए अतिरिक्त रिज़ल्ट जारी करे. अन्यथा हमारा आंदोलन और तेज होगा. आयोग ने इस पर अभी कोई बयान जारी नहीं किया है.