भाकपा(माले) के आगामी 11वें राष्ट्रीय महाधिवेशन से भाजपा के फासिस्ट राज के खिलाफ व्यापक एकता और बड़ी मुहिम की शुरुआत होगी – दीपंकर भट्टाचार्य

मुजफ्फरपुर

Muzaffarpur/Beforeprint: भाकपा(माले) केन्दीय कमेटी की तीन दिवसीय बैठक आज मुजफ्फरपुर, में शुरू हुई।. दिवान रोड स्थित किरण श्री भवन में आयोजित इस बैठक में भाकपा(माले) के महासचिव कामरेड दीपंकर भट्टाचार्य, पार्टी की पोलित ब्यूरो के वरिष्ठ सदस्य कामरेड स्वदेश भट्टाचार्य, कार्तिक पाल (प. बंगाल), रूबुल शर्मा (असम), रामजी राय (उत्तर प्रदेश), वी. शंकर (तमिलनाडु), एन मूर्ति (आंध्रप्रदेश), बंगार राव (तेलंगाना), सुखदर्शन नत्त (पंजाब), राजीव डिमरी व प्रभात कुमार चौधरी (दिल्ली), मनोज भक्त व जनार्दन महतो (झारखंड) युद्धिष्ठिर महापात्र (ओडिसा) आदि समेत देश के विभिन्न राज्यों से आये पार्टी नेता उपस्थित थे।

भाकपा (माले) के बिहार राज्य सचिव कामरेड कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य अमर, खेग्रामस के राष्ट्रीय महासचिव धीरेन्द्र झा, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह, ऐपवा महासचिव मीना तिवारी, ऐपवा नेत्री शशि यादव व सरोज चौबे, झारखंड के पार्टी विधायक विनोद कुमार सिंह , बिहार के विधायक दल नेता महबूब आलम, विधायक अरुण सिंह, वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, गोपाल रविदास व मनोज मंजिल भी भाकपा(माले) केंद्रीय कमेटी की बैठक में शामिल हैं।

आजादी के 75 वर्ष के पूरा होने के बाद आयोजित हो रही भाकपा (माले) केन्दीय कमेटी की बैठक को देश के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान मुजफ्फरपुर के शहीदों – वारिस अली, प्रफुल्ल चाकी, खुदीराम बोस, बैकुंठ शुक्ला और जुब्बा सहनी को समर्पित किया गया है।

बैठक ने गुजरात में होनेवाले विधान सभा चुनाव, जिसमें पार्टी वलसाड जिलान्तर्गत तीन विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है ,तथा दिल्ली के महानगर पालिका चुनाव, जहां भाकपा (माले) ने पांच जगहों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए है, की चुनाव तैयारियों का जायजा लिया।

भाकपा(माले ) इन चुनावों में भाजपा के खिलाफ मज़बूत अभियान चला रही है। बिहार के कुढ़नी (मुजफ्फरपुर) विधान सभा उपचुनाव में भाकपा (माले) महागठबंधन समर्थित जदयू प्रत्याशी के पक्ष में अभियान चला रही है।

बैठक ने विगत दिनों पंजाब (16-17 अक्टूबर) व तमिलनाडु (25-27 नवम्बर) में हुए राज्य सम्मेलनों तथा जम्मू जिला सम्मेलन (13 नवंबर) का अनुमोदन किया।

बैठक ने आनेवाले दिनों में ओडिसा (12-13 दिसम्बर), कार्बी आंगलांग (17-18 दिसम्बर), असम 18-19 दिसम्बर) तथा पुड्डुचरी में होनेवाले राज्य सम्मेलनों की कार्यदिशा तय किये और इनके लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों के नाम तय किये गये।

स्वदेश भट्टाचार्य, कुणाल, अभिजीत मजूमदार, क्लिफ्टन डघ रोजेरियो व प्रतिमा इंगपी की पांच सदस्यीय अध्यक्ष मंडली ने बैठक की अध्यक्षता की.

केंद्रीय कमिटी ने अखिल भारतीय किसान महासभा,अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मज़दूर सभा और इंकलाबी नौजवान सभा के राष्ट्रीय सम्मेलनों की रिपोर्टों को सुना और खेत,खेती-किसानी बचाने को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन चलाने का आह्वान किया। दलितों,गरीबों और आदिवासियों को उजाड़ने के बुलडोज़र राज़ के खिलाफ चौतरफा प्रतिरोध खड़ा करने का निर्णय लिया.

बैठक की शुरुआत करते हुए भाकपा (माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाही की गर्त में धकेल दिया है।कारपोरेट लूट को संस्थाबद्ध कर दिया गया है और जनता को मंहगाई-बेकारी के दुष्चक्र में उलझा दिया गया है। संविधान और लोकतंत्र के ऊपर बढ़ते हमले का विस्तार अब न्यायपालिका तक हो रहा है।

आगे उन्होंने कहा कि भाजपा-आरएसएस के नफरत-विभजन की राजनीति से देश और लोकतंत्र को बचाने के लिये व्यापक एकता और बड़ी मुहिम की जरूरत है।भाकपा माले कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा सहित ऐसी हर मुहिम का स्वागत करती है।