DESK : बिहार में संविधान की धज्जियाँ उड़ रही है। बिहार में सभी सरकारी स्कूलों के लिए साफ नियम है कि रविवार को बंद होंगें और उर्दू स्कूल शुक्रवार को बंद होंगें। इसपर मेरी आपत्ति नहीं है, लेकिन पूरे सीमांचल क्षेत्र चाहे वह किशनगंज हो, पूर्णिया, अररिया सभी जगहों पर शुक्रवार को ही छुट्टी की जा रही है।
भारत सरकार मध्याह्न भोजन शुक्रवार के लिए भी देती है, लेकिन उस दिन बंटता ही नहीं है। छुट्टी के द्वारा पूरा के पूरा पैसे का घोटाला और संविधान से ऊपर व्यक्ति कैसे हो सकता है।
मेरे लोकसभा क्षेत्र के मंझरिया में उर्दू स्कूल है, एक भी अल्पसंख्यक बच्चा वहाँ नहीं पढ़ता है फिर भी जबरदस्ती वहाँ शुक्रवार को छुट्टी कराई जा रही है। यह कहा जाता है कि ये उर्दू स्कूल, जबकि एक भी अल्पसंख्यक बच्चा नहीं पढ़ता है। वहीं सीमांचल के क्षेत्र में पूरी साजिश के तहत, एक इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठिए के कारण शुक्रवार को ही सभी स्कूलों की छुट्टी कराई जा रही है। और उस दिन का मध्याह्न भोजन के पैसे का घोटाला हो रहा है।
इसपर बिहार सरकार अभी तक पूरी तरह से चुप है। अभी पीरपैंती में भी नीलम देवी की जघन्य हत्या हुई है। वहाँ का पुलिस अधीक्षक कहता है कि यह मामला उधार लेने का है। पूरे अल्पसंख्यक समाज को अपमानित कर रहे हैं। एक महिला की इस तरह से हत्या की जाती है और आप इसे उधार से जोड़ रहे हैं। यह बहुत ही शर्मनाक बात है”।