DESK : नगर निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर जारी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अधिसूचना पर रोक जारी रखी है। राज्य सरकार ने जवाब देने के लिए एक दिन समय और मांगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ द्वारा प्रदेश के नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना पर सोमवार को लगाई गई रोक कल तक जारी रहेगी। नगर निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण लागू करने में प्रक्रिया का पालन न करने का आरोप राज्य सरकार पर लगाते हुए दाखिल जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह आदेश दिया है।
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इससे पहले सोमवार को प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान करने पर मंगलवार तक रोक लगा दी थी। बेंच ने राज्य निर्वाचन आयोग को निकाय चुनाव की अधिसूचना मंगलवार तक जारी करने से रोका था। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि सरकार ने ओबीसी कोटे का आरक्षण तय करने में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये ट्रिपल टेस्ट फामूर्ले का अनुपालन नहीं किया है। वैभव पांडे सहित कई याचीगणों ने अलग-अलग याचिका दायर करके नगर निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण लागू करने में प्रक्रिया का पालन न करने का राज्य सरकार पर आरोप लगाया है।
याचिकाकर्ताओं ने लगाए थे आरोप
याचिका करने वालों की ओर से दलील दी गई कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल सुरेश महाजन के मामले में दिये गये निर्णय में स्पष्ट तौर पर आदेश दिया था कि स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण जारी करने से पहले ट्रिपल टेस्ट किया जाएगा और यदि ट्रिपल टेस्ट की औपचारिकता नहीं की जा सकी है तो एससी व एसटी सीटों के अलावा बाकी सभी सीटों को सामान्य सीट घोषित करते हुए, चुनाव कराए जाएंगे। आरोप लगाया गया कि शीर्ष अदालत के स्पष्ट दिशानिर्देशों के बावजूद राज्य सरकार ने बिना ट्रिपल टेस्ट के 5 दिसंबर 2022 को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को भी शामिल किया गया।
बता दें कि निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने के मुद्दे पर दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकार से जवाब तलब किया था। ओबीसी को आरक्षण देने के नियमों का पूरा ब्यौरा मंगलवार को पेश होने तक राज्य निर्वाचन आयोग को निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने से रोका था।