•जीत प्रोजेक्ट 2.0 के तहत मरीजों को मिल रहा है बेहतर उपचार
•611 घर के सदस्यों का टीपीटी का कोर्स पूरा
Chhapra, 22 December : जिले में यक्ष्मा उन्मूलन को लेकर विभिन्न स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। जिले में वर्ल्ड विजन इंडिया संस्था के द्वारा जीत प्रोजेक्ट 2.0 के तहत टीबी मरीजों के संपर्क में रहने वाले बच्चों और उनके परिवार के सदस्यों को टीबी प्रीवेन्टिव ट्रीटमेंट की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। इसी कड़ी में शहर के एक निजी होटल में सीएमई का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने किया।
सिविल सर्जन ने कहा टीबी के खिलाफ देश भर में महा अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें छपरा में स्वास्थ्य विभाग एवं वर्ल्ड विजन संस्था के सहयोग से टीबी प्रीवेंटीव ट्रीटमेंट कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत टीबी रोगी के साथ रह रहे परिवार के सदस्यों को जाँच के बाद छः महीने तक टीपीटी दी जा रही है ताकि भविष्य में टीबी न हो।
7936 घर के सदस्यों को किया गया चिह्नित :
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद ने बताया कि इस यक्ष्मा उन्मूलन में सभी पब्लिक और प्राइवेट डॉक्टर इस कार्यक्रम को बढ़ावा दें और नोटिफिकेशन और उनके परिवार के लोगों को भी टीपीटी से जोड़ें । वर्ल्ड विजन इंडिया के डिस्ट्रिक्ट लीड रंधीर कुमार ने बताया कि अभी तक कुल 1923 टीबी मरीज के घर का विजिट किया गया है।
जिसमें 7936 घर के सदस्यों को चिह्नित किया गया। वहीं 5000 लोगों का एक्स-रे के साथ टीपीटी दिया गया है। 611 घर के सदस्यों को टीपीटी का कोर्स पूरा किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के कंसल्टेंट डॉ. कुमार गौरव के द्वारा टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट पर विस्तार से बताया गया। इस कार्यक्रम में जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, डीपीएम अरविन्द कुमार, डीआईओ डॉ. चंदेश्वर सिंह, डीपीसी हिमांशु शेखर और फील्ड अफसर उपस्थित थे।
2025 तक टीबी को जड़ से मिटाने का लक्ष्य:
भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी को जड़ से मिटाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेन्ट आयोजन के तहत लेटेंट टीबी इंफेक्शन वाले मरीज को चिह्नित कर उन्हें टीपीटी से जोड़ा जाएगा, ताकि उनके शरीर के अंदर पनप रहे टीबी की बैक्टेरिया को एक्टिव होने से पहले समाप्त कर दिया जाए। इससे टीबी संक्रमण प्रसार के चेन को तोड़ने में मदद मिल सकती है।