-बुखार, सांस लेने में परेशानी, शरीर में दर्द और खांसी हैं एक समान लक्षण
-लक्षणों की पहचान कर त्वरित प्रबंधन एवं उपचार आवश्यक
-बच्चों में निमोनिया से बचाव में पीसीवी टीका कारगर
Biharsharif/Avinash pandey: कोरोना संक्रमण का प्रसार एक बार फिर हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग अपने अस्पतालों में संभावित कोविड के खतरे से निपटने की तैयारी में जुटा है। लोगों को फिर से मास्क लगाकर ही घर से निकलने की हिदायत दी जा रही है। केंद्र सरकार एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा संभावित कोविड की लहर को देखते हुए एडवाइजरी जारी की गयी है। ऐसे समय में कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले बच्चों और उम्रदराज लोगों में निमोनिया होने की ख़बरें आ रहीं हैं। कोरोना और निमोनिया दोनों के लक्षण आपस में काफी मिलते जुलते होने के कारण भय व्याप्त होना लाजिमी है।
कमजोर प्रतिरोधक प्रणाली वाले लोगों को है अधिक ख़तरा
प्रभारी सिविल सर्जन ने बताया निमोनिया और कोरोना एक समान संक्रामक रोग है जो सबसे पहले एक या दोनों फेफड़ों की क्षमता को प्रभावित करता है। इससे सांस लेने में तकलीफ, बुखार, शरीर में दर्द और थकावट जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। लक्षण दिखाई देते ही तुरंत चिकित्सीय प्रबंधन जरूरी है क्यूंकि कोरोना के संक्रमण काल में जरा सी देरी भी घातक साबित हो सकती है।खासकर शिशुओं, बच्चों एवं 65 वर्ष से ऊपर आयु वाले लोगों या कमजोर प्रतिरोधक प्रणाली वाले लोगों को निमोनिया और कोरोना संक्रमण का अधिक ख़तरा होता है। दोनों एक समान संक्रामक रोग है जो छींकने या खांसने से फ़ैल सकता है। इस समय व्यक्तिगत स्वच्छता, मास्क का नियमित उपयोग, भीड़ वाली जगहों से दूरी और उचित खान पान निमोनिया और कोरोना संक्रमण दोनों से सुरक्षा का सबसे कारगर तरीका है।
टीकाकरण जरूर करवाएं
सिविल सर्जन ने बताया कि टीके की दोनों डोज लेकर संक्रमण के दुष्प्रभाव से काफी हद तक बचा जा सकता है। सरकार द्वारा टीकाकरण को लेकर स्पष्ट किया जा चुका है कि सभी व्यक्तियों को आगे आकर टीकाकरण करवाना चाहिए और अपने आस पास के लोगों को टीका लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए। जिन लोगों ने अभी तक अपनी बूस्टर डोज नहीं ली है वह अविलंब लगवा लें। टीके लेने के बाद भी कोविड अनुरूप आचरण जारी रखना एक प्रतिरक्षित व्यक्ति को कोरोना के संक्रमण से बचाने में सहायक साबित होता है।
बच्चों को निमोनिया से बचाव में पीसीवी वैक्सीन कारगर
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राजेंद्र चौधरी ने बताया पीसीवी वैक्सीन बच्चों को निमोनिया से बचाने में सहायक होता है। इसे सरकार द्वारा नियमित टीकाकरण में शामिल किया गया है। इसे तीन खुराकों में दिया जाता है तथा यह बच्चों को निमोनिया से बचाने में अहम् भूमिका अदा करता है। 2 साल से कम आयु के बच्चों और 2 से 5 साल के बच्चों को अलग अलग निमोनिया के टीकों की सलाह दी जाती है।