शराबबंदी को शिथिल कर 40 लाख लोगों की जीविका बचाएं नीतीश कुमार,मांझी की मांगों पर करें विचार: मोदी

पटना

-ताड़ी-नीरा बेचने वालों का सतत जीविकोपार्जन जैसी योजनाएं नहीं कर पायीं कोई मदद, तबाह हुआ पासी समाज!

स्टेट डेस्क/पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पूर्ण मद्यनिषेध लागू होने के कारण बिहार में 40 लाख से अधिक आबादी वाला पासी समाज सबसे ज्यादा परेशान हुआ है। इनकी जीविका छिन गयी। इसलिए सरकार को पासी समाज और जीतन राम मांझी की मांगों पर सहानुभुतिपूर्वक विचार करना चाहिए।

मोदी ने कहा कि पासी समाज की पीड़ा को देखते हुए शराबबंदी कानून को शिथिल किया जाना चाहिए।ताड़ी-नीरा बेच कर जीविका चलाने वाले वर्ग के पुनर्वास हेतु राज्य सरकार ने सतत जीविकोपार्जन योजना जैसी कुछ योजनाएं शुरू कर पूंजीगत सहायता देने का प्रावधान किया था, लेकिन ये योजनाएं धरातल पर सफल नहीं हो सकीं।

मोदी ने कहा कि परम्परागत पेशा छिन जाने से पासी समाज पर बेरोजगारी का जो पहाड़ टूटा, उससे उबारने में सरकार पूरी तरह विफल रही। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के बाद ऐसा तुगलकी फरमान जारी हुआ कि ताड़-खजूर के हरे-भरे पेड़ भी धड़ल्ले से काटे जाने लगे। आखिरकार हाईकोर्ट के आदेश से ताड़-खजूर के पेड़ों की रक्षा हुई।

मोदी ने कहा कि जितनी ताकत शराब-ताड़ी पीना रोकने पर लगाई गई, उसका दसवां हिस्सा भी नशामुक्ति केंद्रों को सक्रिय करने और जागरूकता अभियान चलाने पर केंद्रित नहीं हुआ। शराबबंदी फेल होने में यह बड़ा कारण रहा।उन्होंने कहा कि यदि सरकार समय रहते शराबबंदी की समीक्षा के लिए तैयार हो जाती, तो विफलता के लिए जिम्मेदार बहुत सारे सुराख बंद किये जा सकते थे।