नालंदा: प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान अभियान से सुरक्षित मातृत्व को मिल रही गति

नालंदा

-गर्भवती महिलाओं को मिल रही गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं
-प्रसव पूर्व जांच में जटिल प्रसव वाली महिलाओं की हो रही पहचान

Biharsharif/Avinash pandey: जिले के सदर अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर प्रत्येक माह 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत अभियान कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। स्वास्थ्य संस्थानों पर आने वाली गर्भवती माताओं की गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करना इस कार्यक्रम का एक मुख्य उद्देश्य है। प्रसव पूर्व जांच के दौरान जटिल प्रसव वाली महिलाओं की ट्रैकिंग की जाती है ताकि मातृ मृत्यु दर में कमी लायी जा सके। कैंप के दौरान जटिल प्रसव वाली महिलाओं की पहचान कर इसकी सूची पोर्टल पर अपलोड की जाती है।

गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा है उपलब्ध
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ उन्हें बेहतर परामर्श देना है। बेहतर पोषण गर्भवती महिलाओं में खून की कमी होने से बचाता है। इसलिए सभी गर्भवती महिलाओं को जांच के बाद पोषण के बारे में भी जानकारी दी जाती है। इस अभियान की सहायता से प्रसव के पहले ही संभावित जटिलता का पता चल जाता है जिससे प्रसव के दौरान होने वाली जटिलता में काफी कमी भी आती और इससे होने वाली मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है।

संस्थागत प्रसव भी मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में सहायक
मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में संस्थागत प्रसव की भूमिका अहम् मानी जाती है| जिले में संस्थागत प्रसव के आंकड़ों में वृद्धि दर्ज की जा रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों के अनुसार जिले की 80.3 प्रतिशत महिलाएं प्रसव के लिए स्वास्थ्य संस्थानों पर भरोसा करती हैं| राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 4 में जिले में संस्थागत प्रसव का आंकड़ा 78.5 प्रतिशत था|

मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने का प्रयास
सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया गर्भवती महिलाओं में एनीमिया के लक्षण पूरे गर्भकाल एवं प्रसव के दौरान कई जटिलताएं पैदा कर सकती हैं। इससे गर्भवती माता तथा नवजात शिशु को विकट स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। एनीमिया की रोकथाम के लिए उसकी सटीक पहचान तथा उचित प्रबंधन नितांत आवश्यक है। इससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में सहायता मिलती है। प्रसव पूर्व जांच में यदि खून सात ग्राम से कम पाया जाता है तब ऐसी महिलाओं को आयरन की गोली के साथ पोषक पदार्थों के सेवन के विषय में सलाह भी दी जाती।

गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अत्यधिक या कम वजन एवं अत्यधिक खून की कमी प्रसव संबंधित जटिलता को बढ़ा सकता है। इस दिशा में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना प्रभावी रूप से सुदूर गांवों में रहने वाली महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। इससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर भी अंकुश लगाने में सफलता मिल रही है।