-शिक्षकों को देने के लिए पैसे नहीं, बिहार को शराबबंदी से सालाना 6000 करोड़ की क्षति
-गुजरात से तुलना करने से पहले राज्य की आर्थिक हालत देखें तेजस्वी
-सीएम को खुश करने में पीएम की कूटनीतिक उपलब्धियाँ भूल गए ललन सिंह
Patna, State Desk : पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जिस राज्य के पास शिक्षकों को समय पर वेतन देने के लिए पैसे नहीं, जो राज्य शराबबंदी के कारण हर साल 6000 करोड़ की राजस्व क्षति झेल रहा हो और जिसे जीएसटी की भरपाई बंद होने से सालाना 4000 करोड़ रुपये की बड़ी राशि से वंचित रहना पड़ता हो, वह राज्य अपने मुख्यमंत्री के सपने पूरा करने के लिए 300 करोड़ का जेट विमान खरीदना चाहता है। यह फैसला गरीबी में आटा गीला करने वाली बात है।
मोदी मे कहा कि एक गरीब राज्य के मुख्यमंत्री का देश के प्रधानमंत्री से बराबरी करना बेंग ( मेढक) के नाल ठोकवाने की हसरत जैसा है।
उन्होंने कहा कि गुजरात और तमिलनाडु जैसे विकसित राज्यों के विमान खरीदने का उदाहरण देने से पहले तेजस्वी यादव को इन राज्यों की प्रति व्यक्ति आय और विकास के अन्य मानकों पर भी बिहार की तुलना करनी चाहिए।
मोदी ने कहा कि बिहार सरकार अपने सारे आर्थिक दबाव को दरकिनार करते हुए मुख्यमंत्री के लिए ऐसा जेट विमान क्यों खरीदना चाहती है, जो राज्य के भीतर केवल चार हवाई अड्डे पर उतर सकता है?
उन्होंने कहा कि जदयू अध्यक्ष ललन सिंह यदि अपने मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं का केवल खर्चा जोड़ना चाहते हैं, लेकिन भारत की उभरती वैश्विक छवि, यूक्रेन से 20 हजार भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी, रूस से सस्ते तेल की आपूर्ति और जी-20 का नेतृत्व मिलने जैसी अनेक कूटनीतिक उपलब्धियों से आँखें मूँद लेना चाहते हैं, तो हम उनके लिए सुबुद्धि की कामना ही कर सकते हैं।
मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की विदेश यात्राओं में सुरक्षा-प्रबंध और देश की प्रतिष्ठा के साथ-साथ उनके साथ जाने वाले अधिकारियों की बड़ी टीम का ध्यान रखते हुए बड़े विमान की जरूरत समझी जाती है, जबकि मुख्यमंत्री के लिए ऐसा कोई दबाव नहीं होता।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जब राज्य से बाहर प्राय: जाते ही नहीं और अपरिहार्य होने पर वे किसी अन्य मंत्री को भेजते हैं, तब 300 करोड़ रुपये का जेट विमान क्या भतीजे को चाचा का गिफ्ट माना जाए ?