स्टेट डेस्क/पटना: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उप जाति की गणना क्यों नहीं कराना चाह रहे हैं। जायसवाल शनिवार को मीडिया से बातचीत कर रहे थे। भाजपा नेता ने कहा, सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के साथ भारतीय जनता पार्टी के भी प्रतिनिधि शामिल हुए थे। सभी दलों ने सर्वसम्मति से जाति जनगणना कराने की बात की थी। आज अचानक नीतीश कुमार का बयान आया है कि उपजाति की जनगणना नहीं होगी। उपजाति से उनका क्या अर्थ है क्या ब्राह्मण समाज में महापात्र, भट्ट समाज नहीं गिना जायेगा या उनको अलग जाति माना जायेगा। कुशवाहा समाज में दांगी समाज को उसका उपजाति नहीं माना जायेगा। बनियां में कम से कम 65 उपजातियां हैं! क्या सभी को वैश्य में मानेंगे या उनकी अलग जातियां होंगी। नीतीश कुमार जी को सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करना चाहिए कि उपजाति की जनगणना वह क्यों नहीं कराना चाहते!
जायसवाल ने कहा कि क्या उपजाति की जनगणना इस वजह से नहीं करवा रहें क्योंकि नालंदा में कुर्मी जाति की उपजाति की संख्या 5 प्रतिशत भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जनगणना के हरियाणा, राजस्थान और उड़ीसा जैसे तीन मॉडल हमारे पास हैं। हरियाणा ने इतने अच्छे ढंग से जातीय, सामाजिक और आर्थिक जनगणना कराये हैं। जिस प्रकार की जनगणना नीतीश कुमार जी को करानी चाहिए। हरियाणा ने अपने जनगणना को दो भागों में बांटा परिवार पहचान पत्र, दूसरा अन्त्योदय सरल जिसमें एक-एक व्यक्ति की सभी आईडेनटीटी समाहित है जिसका फायदा यह है कि उसके पोर्टल के माध्यम से जिस व्यक्ति को जो लाभ राज्य या केन्द्र सरकार से मिलना है यदि वह अहर्ता रखता है तो उसे तुरन्त मिल जाता है।
जायसवाल ने कहा, मेरा नीतीश जी से अनुरोध है कि वह सार्वजनिक रूप से झूठ बोलना बंद कर दें। बिहार की जनता को स्पष्ट करें कि उपजाति का क्या अर्थ होता है। जिस प्रकार सर्वदलीय सर्वसम्मति से जनगणना कराने की बात हुई थी उसी प्रकार भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के नाते मेरा नीतीश कुमार से आग्रह होगा कि जनगणना के विषय को विस्तार से सार्वजनिक करें तथा जनगणना का लाभ उठाने के लिए हरियाणा मॉडल को लागू करें!
भट्ट समाज, ब्राह्मण समाज की उपजाति है। अगर उपजाति की गणना नहीं होगी तो पिछड़े भट्ट समाज को लाभ कैसे मिलेगा। उसी प्रकार वैश्य के अंतर्गत लगभग 65 जातियों में पिछड़ी जातियों को कैसे लाभ मिल पायेगा। जनगणना पर अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि बिहार में रोहिंगिया और बंगलादेशी मुसलमानों को कैसे सदस्यता से रोक पायेंगे। प्रेसवार्ता में प्रदेश प्रवक्ता विवेकानंद पासवान, प्रेस पैनलिस्ट विनोद शर्मा, मीडिया प्रभारी राजेश कुमार झा उपस्थित रहे।