स्टेट डेस्क/पटना : शिक्षा विभाग के एक आदेश से जातीय जनगणना के काम को झटका लग सकता है। विभाग ने जातीय जनगणना के कार्य में प्रतिनियुक्त सहायक शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से जनगणना से हटाकर इंटरमीडिएट की परीक्षा में लगाने का आदेश दिया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने इस बाबत सभी जिलों के डीएम और डीइओ को एक आदेश जारी किया है।
दीपक के इस आदेश को जातीय जनगणना में बाधा के तौर पर देखा जा रहा है। जातीय जनगणना राज्य सरकार का नीतिगत निर्णय है। इस फ़ैसले के क्रियान्वयन में कोई प्रमुख अपनी ओर से किसी तरह का रोक कैसे लगा सकता है।
दीपक ने अपने आदेश में लिखा है, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट वर्ष 2023 की वार्षिक प्रायोगिक परीक्षा 10.1.23 से 20.1.23 तक चलेगी। विभिन्न स्रोतों से यह सूचना प्राप्त हो रही है कि राज्य में जारी जातीय जनगणना में शिक्षकों की सेवा लिए जाने के कारण इंटरमीडिएट वार्षिक प्रायोगिक परीक्षा ,2023 के संचालन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। उक्त स्थिति में अनुरोध है कि इंटरमीडिएट वर्ष 2023 की वार्षिक प्रायोगिक परीक्षा से संबंधित सहायक शिक्षकों की सेवा जातीय जनगणना में नहीं ली जाये।