रामचरित मानस पर बयान देकर फंसे शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को जेडीयू नेता निखिल मंडल की नसीहत…माफी मांगिए!

पटना

स्टेट डेस्क/पटना: रामचरित मानस पर विवादित बयान देकर चर्चा में आये शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। महागठबंधन के घटक दल जेडीयू नेता भी चंद्रशेखर को कोसने से कोई परहेज नहीं कर रहे हैं जेडीयू नेता निखिल मंडल ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को नसीहत देते हुए कहा कि वो तुरंत रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर माफी मांगें। क्योंकि उनके इस बयान से करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है। जेडीयू नेता निखिल मंडल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं गठबंधन धर्म का सम्मान करते हुए कहना चाहता हूं। कि बिहार के शिक्षा मंत्री जी को अविलंब अपने रामचरितमानस वाले बयान को लेकर माफी मांगनी चाहिए। राजनीति अपनी जगह है पर सभी के भावना का कद्र होना ही चाहिए। निःसंदेह करोड़ो लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है।

वहीं, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरित मानस को नफरती बताने वाले बयान पर माफी मांगने से साफ इंकार कर दिया। माफी मांगने वाले सवाल पर शिक्षा मंत्री ने एक विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि मैं माफी नहीं मांगूंगा, मैंने कुछ गलत नहीं कहा है। मांफी उन लोगों को मांगनी चाहिए, जिन्होंने लोगों पर अत्याचार किये। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को कहा था कि तीन ग्रंथ हैं जो समाज में नफरत फैलाते हैं। मंत्री ने कहा कि ‘मनुस्मृति’, ‘रामचरित मानस’ और आरएसएस के दूसरे प्रमुख एमएस गोलवरकर की ‘बंच ऑफ थॉट्स’ ने समाज में नफरत फैलाई। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव के इस बयान पर बवाल मच गया है।

चंद्रशेखर ने कहा कि रामचरितमानस में कहा गया कि निचली जातियों के लोगों को शिक्षा का कोई अधिकार नहीं है। यह बताया गया है कि निचली जाति के लोग शिक्षा हासिल करने के बाद सांप के समान जहरीले हो जाते हैं, जो दूध पीने के बाद और अधिक जहरीले हो जाते हैं। शिक्षा मंत्री के इस बयान पर सभी पार्टियों ने इसकी निंदा की थी। वहीं, विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सीएम नीतीश कुमार से शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने शिक्षा मंत्री को अज्ञानी कहा सीएम पर निशाना साधते हुए धृतराष्ट्र बताया था। उन्होंने इसे हिंदुओं की आस्था का अपमान करार दिया था।

बीजेपी नेता शहजाद पुनावाला ने ट्वीट कर निशाना साधते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री रामचरित मानस को नफरत करने वाला बता रहे हैं, वही जगदानंद सिंह रामजन्म भूमि को नफरत की जमीन बोल रहे हैं, ये सिर्फ वोट बैंक के लिए किया जा रहा है। शिक्षा मंत्री के बयान पर कवि कुमार विश्वास ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार जी आपके शिक्षा मंत्री में शिक्षा की कमी है उन्हें जानकारी दें। शिक्षा मंत्री के बयान पर अयोध्या के महंत परमहंस आचार्य ने कड़ी आपत्ति जतायी। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री के पद से हटा देना चाहिए। रामचरित मानस लोगों की आस्था का प्रतीक है। उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा कि जो कई भी उनकी जीभ काट कर लाएगा उसे 10 करोड़ का इनाम दिया जायेगा।