-बिहार के लोगों के दिल में अपनापन का है नजरियां यहां की मिटट्ी को सलाम है-राजीव नेथन
बक्सर,विक्रांत। प्रताप सागर स्थित मेथोडिस्ट अस्पताल के सभागार में शुक्रवार को अस्पताल परिवार के सौजन्य से महिला चिकित्सक डा.राशि नेथन के सम्मान में आयोजित समारोह के बीच उन्हें भावभींनीं विदाई दी गई।समारोह की अध्यक्षता व संचालन अस्पताल अधीक्षक डा.आर.के.सिंह ने की। इस मौंके पर अस्पताल अधीक्षक डा.सिंह नें अपने संबोधन मे कहा कि बिहार के प्रति अन्य प्रदेश के चिकित्सकों की सोच बदली है। आज मेथोडिस्ट अस्पताल में क्रिश्चियन मेडिकल कालेज, लुधियाना की आधा दर्जन महिला चिकित्सक कार्यरत है। अस्पताल अधीक्षक डा.सिंह नें महिला चिकित्सक डा.राशि नेथन के कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि महानगर में पली बढ़ी डा.नेथन द्वारा कोरोना काल के दौरान वार्ड में प्रदान की गई ड्यूटी अस्पताल के इतिहास में सदैव यादगार बना रहेगा।
मेथोडिस्ट अस्पताल के अधीक्षक डा.सिंह ने कहा कि देश की आजादी के बाद देश में कुल 55 बड़े अस्पताल मौजूद थे। आज पूरे देश में प्रताप सागर स्थित मेथोडिस्ट अस्पताल को मिलाकर मात्र पांच अस्पताल बच गए है। अस्पताल प्रबंधक विजय कुमार ने डा. राशि नेथन के उज्जवल भविष्य को लेकर परम पिता परमेश्वर से कामना की। महिला चिकित्सक डा.राशि नेथन ने विदाई के अवसर पर अपनी नम् आंखो से अस्पताल अधीक्षक डा.आर.के.सिंह की तारीफ की और कहा कि ड्यूटी काल में अधीक्षक डा.आर.के.सिंह से मिले प्यार व स्नेह भरा डांट उन्हें सदैव याद रहेगी।
आगे लुधियाना स्थित क्रिश्चियन कालेज से प्रताप सागर स्थित मेथोडिस्ट अस्पताल में करीब दो साल तक सेवा प्रदान करने वाली डा.राशि नेथन नें कहा कि बिहार के प्रति आज की तारीख में उनकी सोच बदल गई है।महिला चिकित्सक डा.नेथन के पिता राजीव नेथन व माता शारदा नेथन ने बेेटी को प्राप्त सम्मान को लेकर अस्पताल प्रबंधन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बिहारीपन में दुसरे के प्रति सम्मान का नजरियां कायम है।बिहार की मिटट्ी को सलाम है।
समारोह को अन्य वक्ताओं में डा.मनीष कुमार, डा. दीपाली, डा.पल्लवी, लेखपाल प्रदीप कुमार धारी, मार्कण्डेय सिंह एवं अजय राय आदि ने संबोधित किया।समारोह के अंत में अस्पताल परिवार के सौजन्य से अधीक्षक डा.आर.के.सिंह के हाथों मेथोडिस्ट अस्पताल, प्रताप सागर से विदेश सेवा की सफर करने की सपना सजोनें वाली महिला चिकित्सक डा. राशि नेथन को स्मृति चिह् व अंगबस्त्र भंेंट कर सम्मानित किया गया।इस विदाई की घड़ी में डा.राशि नेथन अपनी माता-पिता के साथ मंचासीन रही।