DESK : बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में नए समीकरण का संकेत दे दिया है. उनके बयान से सवाल उठ रहा है कि तो क्या नीतीश कुमार फिर एनडीए के साथ आएंगे? उन्होंने सीएम नीतीश कुमार के सवाल पर कहा कि उनको लेने का सवाल नहीं है. देखिए मैं उसके लिए सक्षम नहीं हूं. कोई राज्य इकाई किसी बड़े नेता को शामिल कराने के लिए सक्षम नहीं है. ये मामला केंद्रीय स्तर पर होता है कि कौन आएगा और कौन नहीं आएगा इस राजनीति में कोई नहीं जानता है.
सुशील मोदी ने कहा कि यही नीतीश कुमार हैं तीन बार आ चुके हैं और तीन बार जा चुके हैं. यही लालू यादव 1990 में समर्थन लेने आए थे और हमारे समर्थन से उनकी सरकार बनी. आज देश में टीडीपी से लेकर ममता बनर्जी तक शायद ही कोई होगा जिसने बीजेपी की मदद न ली है. इसलिए कौन आएगा और कौन जाएगा ये तो भविष्य बताएगा. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू यादव के लौटकर आने का इंताजर कीजिए. जो डील हुई है अगर उस डील के अनुसार नीतीश कुमार ने काम नहीं किया तो उनको मुख्यमंत्री की गद्दी भी उनको छोड़नी पड़ सकती है.
बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने जब से बीजेपी का साथ छोड़ा और महागठबंधन की सरकार बनाई तब से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का यही बयान आया है कि अब वे दोबारा कभी नीतीश कुमार के साथ नहीं जाएंगे. अब सुशील मोदी ने यह कह दिया है कि केंद्रीय नेतृत्व इस पर फैसला करेगा. राज्य इकाई सक्षम नहीं है. अब इस बयान के मायने निकाले जा रहे हैं.
सुशील कुमार मोदी ने इस बीच यह बयान दिया है जब जेडीयू के अंदर अंदरूनी कलह जारी है. मंगलवार को ही जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कह दिया कि आरजेडी और जेडीयू में क्या डील हुई यह ललन सिंह बताएं. वे नीतीश कुमार को कमजोर नहीं होने देंगे. वह भी जानना चाहते हैं कि क्या डील हुई है. इस बयान के बाद नीतीश कुमार भी एक तरह से साइलेंट हैं. कई बार वे कह चुके हैं कि उन्हें उपेंद्र कुशवाहा पर कुछ नहीं कहना है. वो जो कहते हैं छापते रहिए.