लाभार्थी, पूरक पोषाहार का लाभ लेने के लिए कराएँ पोषण ट्रैकर एप पर पंजीकरण

नालंदा

-पोषण ट्रैकर एप में पंजीकरण एवं आधार सत्यापन के लिए बाल विकास परियोजना कार्यालय से करें संपर्क
-16 जनवरी से 15 फ़रवरी तक बाल विकास परियोजना कार्यालय में हो रहा शिविर का आयोजन

Biharsharif/Avinash pandey: समेकित बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) के स्तर से दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता व संचालन को और भी अधिक सुविधाजनक और सहज बनाया जा रहा है। इसके लिये सरकार ने पोषण ट्रैकर एप की शुरुआत की है। एप के माध्यम से जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी और मूल्यांकन में भी आसानी हो रही है। कुपोषण पर लगाम लगाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के स्तर पर लाभार्थियों को पूरक पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है। अब सभी लाभार्थियों को पोषण ट्रैकर एप पर अपना पंजीकरण कराना होगा तभी उन्हें पूरक पोषाहार का लाभ मिलेगा। पोषण ट्रैकर एप पर पंजीकरण एवं आधार सत्यापन के लिए अपने क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका से संपर्क कर सकते हैं

आंगनबाड़ी केंद्रों पर दी जा रही सेवाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन पर लाभार्थियों का पंजीकरण एवं पंजीकृत लाभार्थियों का आधार सत्यापन कराना आवश्यक है। आधार सत्यापन के बाद ही पूरक पोषाहार का लाभ उपलब्ध कराया जायेगा। आंगनबाड़ी केंद्र के पोषक क्षेत्र के सभी छूटे हुए लाभार्थी पोषण ट्रैकर एप पर पंजीकरण एवं आधार सत्यापन के लिए अपने क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका से संपर्क कर सकते हैं।

16 जनवरी से 15 फ़रवरी तक हो रहा शिविर का आयोजन
अधिक से अधिक लाभार्थी समेकित बाल विकास विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सेवाओं का लाभ ले सकें इसके लिए जिला के सभी प्रखंडों के बाल विकास परियोजना कार्यालय में 16 जनवरी, 2023 से लेकर 15 फ़रवरी, 2023 तक शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यह 0-6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के पोषण ट्रैकर एप पर पंजीकरण एवं आधार सत्यापन के लिए आयोजन किया जा रहा है। शिविर का उद्देश्य अधिक से अधिक वांछित लाभार्थियों को उपलब्ध सेवाओं का लाभ देना है।

सभी पोषण गतिविधियों की जानकारी पोषण ट्रैकर एप में अपलोड
पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से रियल टाइम मॉनिटरिंग की प्रक्रिया को मजबूती मिल रही है। एप के द्वारा सेविकाएं क्षेत्र में उपस्थित नवजात शिशुओं, गर्भवती-धात्री महिलाओं, उनके पोषण व स्वास्थ्य की जानकारी, टीएचआर का वितरण, बच्चों की ग्रोथ मॉनिटरिंग आदि तमाम जानकारी एप पर दर्ज कर रहीं हैं। एप के माध्यम से कुपोषण से संबंधित मामलों को सूचीबद्ध करना आसान हो रहा है। साथ ही, आंगनबाड़ी क्षेत्रों में गर्भवती व धात्री महिलाओं, 0 से 03 वर्ष के बच्चे, 03 से 06 वर्ष के बच्चे, किशोर-किशोरियों के साथ ही आंगनबाड़ी पोषक क्षेत्र के अनाथ बच्चों व उन सभी के स्वास्थ्य की जानकारी सेविकाओं द्वारा अपलोड किया जाता व विभाग द्वारा नियमित उसकी सतत निगरानी की जाती है।

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