Rabindra Nath Bhaiya: नगर के गोवर्धन मंदिर में श्री हरिहर महायज्ञ के सातवें दिन यज्ञशाला की परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ अत्यधिक बढ़ गई जिसके कारण व्यवस्थापकों ने फेरी की दूरी बढ़ा दी है। अब श्रद्धालुओं को शिवमंदिर की परिक्रमा का सौभाग्य भी प्राप्त हो रहा है। मंदिर समिति के सचिव महेंद्र यादव ने बताया कि यज्ञ मंडप से लेकर रास मंडप और कथा मंडप तक श्रद्धालुओं का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। अगले दो दिनों में और अधिक भीड़ बढ़ने की संभावना को देखते हुए सक्रीय कार्यकर्ताओं को अलग अलग जिम्मेवारी सौंप दी गई है। समस्त गतिविधियों की निगरानी स्वंय विधायक विभा देवी कर रहीं है। उन्होंने कहा कि कल 3 फ़रवरी को श्री हरिहर महायज्ञ में अतिव्यस्ततम कार्यक्रम होगा जिसमें गुंबज की स्थापना, भगवान की विभिन्न मूर्तियों की स्थापना प्राण प्रतिष्ठा तथा आवाहित देवताओं की पूजा आदि प्रमुख है। आचार्य गोकुलेश शास्त्री ने बताया कि आज मंदिर में स्थापित होने वाले देवी देवताओं की प्रतिमा को प्रतीकात्मक रूप से नगर परिभ्रमण कराया गया। यज्ञाचार्य उमेश दत्त शुक्ल एवं आचार्य गौरव दत्त शुक्ल ने बताया कि महायज्ञ के सभी अनुष्ठान विधि पूर्वक और निर्बाद्ध रूप से चल रहा है। आचार्य द्वय ने कहा कि देवी देवताओं और पुण्यात्माओं की कृपा इस गोवर्धन मंदिर तीर्थ पर बनी हुई है जिसके कारण सभी कार्य सफलता पूर्वक संपन्न हो रहे हैं।
शिव का सर्व समावेशी देवत्व ही उनका वैशिष्टय है :- राधेश्याम शास्त्री जी महाराज
नवादा: श्री मद्भागवत कथा के दौरान कथा वाचक राधेश्याम शास्त्री जी महाराज ने विभिन्न शास्त्रीय प्रसंगों की सूत्रात्मक व्याख्या की। भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव में पूतना के विष रस भरा कनक घट प्रसंग को सूक्ष्मता के साथ व्याख्यायित किया। उन्होंने कहा कि पूतना का चित्र अच्छा किन्तु चरित्र गन्दा था, शिव का चित्र भयंकर किन्तु चरित्र उज्ज्वल था लेकिन श्री राम और कृष्ण का चित्र और चरित्र दोनों अच्छा था। चरित्र सर्वकालिक है जबकि चित्र अल्पकालिक। चित्र वर्तमान है जबकि चरित्र सर्वनाम है। चरित्र की धर्मिता को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि सहज खिलने वाले को ही चरित्र कहा जाता है। जो आरोपित है, अभ्यसजन्य है और चेष्टा से बंधा है वह चरित्र नैतिक है। शिव का सर्व समावेशी देवत्व ही उनका वैशिष्टय है, शिव समन्वय वादी हैं। कथा वाचक की सुरीली कीर्तन ध्वनि, साज की आवाज और अद्भुत साउंड इफेक्ट से श्रोता अपनी सुध-बुध खोये रहते हैं। कथा के यजमान इंजीनियर संतोष कुमार सिन्हा, मदन यादव, प्रवीण कुमार आदि ने राधेश्याम शास्त्री जी महाराज की कथा पटुता और शास्त्रीय विवेचना की खूब तारीफ की है।
रास मंच पर धनुष भंग और राम जानकी विवाह
नवादा: वृंदावन के रास आचार्य स्वामी हरे कृष्ण शर्मा की रास मण्डली ने आज धनुष यज्ञ और राम जानकी विवाह का रोचक प्रसंग रास मंच पर उतारा। कल देर रात तक सुदामा चरित्र का सफल और सराहनीय मंचन से दर्शक दीर्घा भवुक होती रही। स्वयं रासाचार्य स्वामी जी ने सुदामा की भूमिका निभाते हुए अपने सुरीले कण्ठ से भगवत भजन का रसपान दर्शकों को कराया। भगवान कृष्ण की संपूर्ण लीलाओं में लोग देर रात तक डुबकी लगाते रहे। आज रास मंच पर रामलीला का भव्य दर्शन हुआ क्योंकि व्यास भावेश कृष्ण भारद्वाज की मधुर वाणी से प्रसारित मानस की चौपाइयां साकार रूप में प्रदर्शित हो रही थी। जनक की प्रतिज्ञा, लक्ष्मण का उतावलापन, धनुष भंग, राम जानकी विवाह और जानकी की विदाई रस्म आदि को रास मंच पर जीवन्त रूप में उतारा गया। मंदिर समिति के ग्यारह जोड़ी यजमानों ने जानकी की विदाई में विधिवत हिस्सा लिया। इस दौरान नवीन तकनीक की ध्वनि- प्रकाश व्यवस्था से लोग अचंभित होते रहे।
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