कानपुर। अभी तक लोग भगवान शिव और पार्वती के दर्शन टीवी के पर्दे पर या फिर मोबाइल पर देखते आ रहे है लेकिन शनिवार की शाम लाजपत भवन के सभागार में स्कूली छात्रों ने दर्शकों को इन दोनों का साक्षात दर्शन करवा दिया। भगवान शिव और पार्वती की भक्ति थीम पर आधारित शिवोहम कार्यक्रम में छात्र व छात्राओं ने भगवान की छवि को भूलोक पर उतार दिया। जिसमें जगद्गुरु, स्वयंभु शिव जी के अनन्य स्वरूपों का बहुत ही सजीव चित्रण प्रस्तुत करके विद्यालय के बच्चों ने मनोहारी नृत्य करके दर्शकों का मन मोह लिया। कक्षा नर्सरी व के. जी. के नन्हे मुन्नों द्वारा शिवजी के 19 अवतारों की सुंदर झाँकी प्रस्तुत की गई। सर्वप्रथम भगवान शिव की स्तुति की गई।’
अनादि आरंभ’ इस कार्यक्रम के अंतर्गत ” कौन है वह कौन है– ” गीत के साथ किया गया। तत्पश्चात कक्षा २ के बच्चों द्वारा कोतवाल साहब नामक नृत्य नाटिका में ‘काल भैरव जी’ की उत्पत्ति को दर्शाया गया कि किस तरह उन्होंने बटुक भैरव का रूप लिया और उन्हें काशी का कोतवाल क्यों कहा गया है। बच्चों द्वारा प्रथम पूज्य नाटिका में श्री गणेश जी के बुद्धि चातुर्य को बड़े ही रोमांचकारी ढंग से पूर्णनारीश्वर शिव इस नाटिका में कक्षा २ के छात्रों ने शिवजी के ‘गोपेश्वर रुप’ को प्रस्तुत किया व बताया कि महारास का आनंद लेने के लिए स्वयंभू शिव को भी नारी अवतार ग्रहण करना पड़ा था।
स्कूल क्वायर द्वारा शिव तांडव का गायन बड़ा ही रोमांच से भर देने वाला रहा जो आशुतोष राणा द्वारा गाया गया है और शिव तांडव का ही हिंदी रूपांतर है। कक्षा ३ के बच्चों द्वारा “आदि योगी” के अंतर्गत योग की विभिन्न मुद्राओं को बड़ी सहजता से करके दिखलाया गया और बताया गया कि योग विद्या के जनक और कोई नहीं स्वयं जगतगुरु शिव ही है। कक्षा ४ के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत ‘गंगा अवतरण’ नृत्य नाटिका में मां गंगा की उत्पत्ति को बड़े ही भावपूर्ण तरीके से दिखलाया गया जिसमें बताया गया कि माँ गंगा धरा पर क्यों आई और उन्हें कौन लाया।
कक्षा ३ के छात्रों द्वारा “काल नाट्यम” नृत्य की प्रस्तुति दी गई। जिसमें बच्चों ने शिव तांडव को बहुत ही जोश पूर्ण ढंग से दर्शाया और बतला दिया कि तांडव ना केवल विनाश बल्कि उत्पत्ति का कारक भी है। कार्यक्रम के अंत में कक्षा ४ के छात्रों द्वारा परिणय सूत्र के अंतर्गत शिव विवाह का मनोहारी चित्रण किया गया जिस में शिव विवाह को नन्हे-मुन्नों ने अपनी भावपूर्ण अदाकारी के द्वारा मानो सजीव ही कर दिया। स्कूल क्वायर द्वारा ” आदि अनंता” व “शिव समा” रहे गीत पर कर्णप्रिय प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय की सचिव स्वरूप और डायरेक्टर नंदी ने कार्यक्रम की सराहना की और बच्चों का उत्साह वर्धन किया। विद्यालय की प्रधानाचार्या ‘ मधु श्रीवास्तव ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन चारू दीक्षित ने किया। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ ‘कुमकुम स्वरूप’ के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। विद्यालय के छात्रों द्वारा ‘नमामि शमीशान’ पर सुंदर सामूहिक गायन प्रस्तुत किया गया।