आइजी विकास वैभव पर लटक रही है निलंबन की तलवार! डीजी ने जारी किया कारण बताओ नोटिस, छुट्टी की अर्जी रद्द!

पटना

स्टेट डेस्क/पटना : अपनी बॉस के खिलाफ ट्वीट करके विवादों में घिरे सीनियर आइपीएस अफसर विकास वैभव पर निलंबन की तलवार लटक रही है. दूसरी ओर उनके कथित समर्थक उनके समर्थन में सड़कों पर प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं. होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज की डीजी शोभा ओहटकर ने विकास को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उनकी छुट्टी की अर्जी पर भी ऐतराज जताते हुए गृह विभाग से उनकी अर्जी रद्द करने की सिफारिश की है.

डीजी ने होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज में आइजी विकास वैभव को लेकर दो चिट्ठियां जारी की है. पहली चिट्ठी विकास वैभव को संबोधित है जिसमें उनसे उनके ट्वीट को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है. पत्र में लिखा है , ‘आपके ट्विटर पर लिखा गया है आप डीजी रैंक की महिला अधिकारी से गालियां ही सुन रहे हैं.

उसमें यह भी लिखा है कि आपने उसे रिकार्ड भी किया है.’ इससे स्पष्ट है का आपने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने वरीय पदाधिकारी पर बेबुनियाद आरोप लगाकर उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया है. आपका यह कृत्य अखिल भारतीय सेवा आचार नियमावली 1968 के नियमों और प्रावधानों के प्रतिकूल है. वायरल मैसेज में आपने रिकार्डिंग किये जाने की बात को Public domain में लाया है.

इससे स्पष्ट होता है कि आप कार्यलय की बैठकों में होनेवाली चर्चाओं की रिकॉर्डिंग करते हैं. यह आपकी गलत मंशा का द्योतक है. यह Official Secrets Act के सुसंगत प्रावधानों का भी उल्लघन है. डीजी ने विकास वैभव से कहा है कि 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण समर्पित करें कि क्यों नहीं आपके इस आचरण के लिए अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा राज्य सरकार से की जाये.

डीजी ने दूसरी चिट्ठी गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को लिखा है जिसमें विकास वैभव की छुट्टी की अर्जी संलग्न करते हुए उसे निरस्त करने की सिफारिश की गयी है. चिट्ठी लिखा गया है कि वैभव क्रय समिति के सदस्य सचिव हैं. फरवरी का महीना चल रहा है. विभाग और 77 अग्नि संवेदनशील थानों के लिए जरूरी उपकरणों की खरीदारी करनी है. ऐसे में उनकी छुट्टी की अर्जी स्वीकृत न करने की अनुशंसा की जाती है.

विकास वैभव के समर्थन में प्रदर्शन और नारेबाजी

विकास वैभव के समर्थन में शुक्रवार को कुछ युवकों- युवतियों ने कारगिल चौक पर प्रदर्शन और नारेबाजी की. उनके हाथों में बैनर था जिस पर लिखा था, ‘बिहारी अस्मिता का अपमान नहीं सहेगा बिहार! हम बिहारी कामचोर नहीं डीजी मैडम शर्म करो!’