CENTRAL DESK: बिहार के नये राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने कहा, वे सरकार से टकराव का काम नहीं करेंगे बल्कि राजभवन को लोकभवन में बदलने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने नीतीश कुमार की सरकार के साथ टकराव की किसी भी संभावना से इनकार किया। गोवा निवासी आर्लेकर (68) इससे पहले हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे। रविवार को उन्हें बिहार स्थानांतरित कर किया गया। आर्लेकर ने कहा, ”मुझे फिलहाल किसी टकराव की कोई वजह नजर नहीं आती। वहां की सरकार में सभी लोग समझदार हैं। मैं अपनी सीमाएं समझता हूं और वे अपनी। अगर दोनों पक्षों में परस्पर समझ है, तो मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि कोई टकराव होगा।”
उन्होंने कहा, ”आज की जरूरत है कि हमें लोगों के पास जाना चाहिए और उन्हें राजभवन आमंत्रित करना चाहिए।’ आर्लेकर पहले गोवा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक थे और वह तटीय राज्य की विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी राज्यपाल को लोगों के मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों के मन में राज्यपाल के प्रति काफी सम्मान होता है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ”राजभवन को लोकभवन में बदलना होगा। लोगों को यह महसूस होना चाहिए कि वह मेरे राज्यपाल हैं और यह मेरा राजभवन है। मैं ऐसा करने का प्रयास करूंगा। मुझे नहीं पता कि पहले के राज्यपाल ने ऐसा किया था या नहीं। मैंने हिमाचल प्रदेश में भी ऐसा किया और मुझे बिहार में भी ऐसा करना चाहिए।”
राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य बिहार के राज्यपाल के तौर पर उनकी अपेक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर आर्लेकर ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि यह राजनीतिक रूप से बहुत अस्थिर राज्य है। मुझे इस पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है। चाहे वह हिमाचल प्रदेश हो या कोई और राज्य, मुझे बिना किसी राजनीतिक घटनाक्रम पर विचार किए वहां काम करना है।’
बिहार का राज्यपाल नियुक्त किए जाने पर उनकी प्रतिक्रिया पूछे जाने पर आर्लेकर ने कहा कि प्रतिक्रिया केवल राज्य के लोगों की होगी। उन्होंने कहा, “बिहार के लोगों का राज्यपाल एक नया व्यक्ति होगा। यही एकमात्र बदलाव है। मेरे लिए, मैं हिमाचल प्रदेश में काम कर रहा था और अब बिहार में काम करूंगा।”