स्टेट डेस्क/हेमंत कुमार : सीनियर आइपीएस अफसर विकास वैभव की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। अपनी बॉस शोभा ओहटकर (डीजी, होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज) के खिलाफ सोशल मीडिया में टीका-टिप्पणी मामले में गृह विभाग ने उनको नोटिस जारी कर पूछा है, आल इंडिया सर्विस कंडक्ट रूल 1968 और आफिसियल सेकरेट एक्ट के उल्लंघन में क्यों नहीं आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये।
वैभव ने 8-9फरवरी की दरमियानी रात अपने ट्विटर हैंडल पर अपनी बॉस के खिलाफ टिप्पणी की थी। लिखा था कि वह उनको गालियां देती हैं। उसके बाद वे लंबी छुट्टी की अर्जी लगाकर एक शादी समारोह में सिलीगुड़ी चले आते थे। इधर, डीजी ने उनको कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा था। उनकी लंबी छुट्टी की अर्जी रद्द करने की सिफारिश कर दी थी।
नोटिस का जवाब नहीं मिलने के बाद गृह विभाग से उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश कर दी थी। उधर, शादी समारोह से लौटे वैभव ने अपर मुख्य गृह सचिव को चिट्ठी लिखकर अपना दुखड़ा रोया था। नोटिस का जवाब देने के लिए कम से कम एक सप्ताह या 14 दिन का समय मांगा था। साथ ही होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज से अन्यत्र तबादला कर देने अथवा लंबी छुट्टी पर जाने देने की अनुमति मांगी थी।
लेकिन गृह विभाग ने उनकी तमाम दलीलें अनसुनी कर दी और कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। अपने सांप्रदायिक-राजनीतिक रुझानों के चलते हमेशा विवादों में रहने वाले वैभव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी फटकार लगी थी। उन्होंने कहा था कि ट्वीट करना अफसरों का काम नहीं है। कोई समस्या हो तो सीनियर से बात करें। दूसरी ओर छात्रों – नौजवानों का एक समूह विकास वैभव के पक्ष में प्रदर्शन करने लगा।
उनको आधुनिक युग का विवेकानंद और बिहारी अस्मिता का प्रतीक बताने लगा। धरना प्रदर्शन का सिलसिला अब भी जारी है। वैभव के खिलाफ पहले से भी एक मामला विचाराधीन है। पिछ्ले साल माले के विधायक अजित कुशवाहा ने विधानसभा में मामला उठाया था। सांप्रदायिक और उन्मादी तत्वों से सम्मान हासिल करने और उनको सम्मानित करने पर कार्रवाई की मांग की थी।