Bihar: कृषि उत्पाद को बाजार में स्थापित करने की जरूरत: ग्रामीण विकास मंत्री

बक्सर

बीएयू में आयोजित किसान मेला तीसरे दिन संपन्न . कुलपति ने आंगतुको के प्रति जताया आभार.

Vikrant: किसान मेला के तीसरे दिन समापन पर बीएयू सबौर में जलवायु अनुकूल कृषि पर आधारित कार्यशाला का आयोजन किया. जिसका उद्घाटन ग्रामीण विकास और संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार द्वारा किया गया| इस मौके पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय (BAU) कुलपति डॉ डी० आर० सिंह, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के मा० कुलपति डॉ आर० के० सिंह, आईएआरआई हजारीबाग के ओ०एस०डी० डॉ विशाल नाथ एवं आईसीएआर पटना के निदेशक डॉ अनूप दास गणमान उपस्थित थे.मंत्री को जीविका दीदी द्वारा स्वं बनाये गये उत्पाद देकर स्वागत किया गया| मंत्री ने मडुआ और बजेरे से बने केक को भी काटा|

मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि इस किसान मेला की सफलता बीएयू के वैज्ञानिकों व छात्रों के दूरगामी सोच को दर्शाता है| उन्होंने जलवायु परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में कहा कि “हम वैज्ञानिकों से कहना चाहते हैं कि किसान आपपर भरोसा करते हैं कृषि क्षेत्र में किसान नित्य चुनौतियों से गुजरते हैं अतः मिलकर आप किसानों के साथ मिलकर चुनौतियों का समाधान ढूंढें, जलवायु परिवर्तन का खामियाजा सिर्फ बिहार नहीं भुगत रहा बल्कि पूरा विश्व भुगत रहा है लेकिन पूरी दुनिया भर में सिर्फ बिहार के किसान जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से मुकाबला कर खेती करना सिख रहे हैं| मा० मंत्री ने कहा कि आज प्रतिस्पर्धा का युग है और हमें अपने कृषि उत्पाद का वैश्विक बाज़ार में स्थापित करने की जरुरत है, अगर हमारे किसान को सही मार्गदर्शन और जानकारी दे दिया जाय तो बिहार के किसान से अच्छा पूरी दुनिया में कहीं नहीं है|

आईएआरआई हजारीबाग के ओ०एस०डी० डॉ विशालनाथ* ने कहा कि बिहार की भूमि कृषि के लिए स्वर्ग है, विश्व कोई ऐसा फल या फसल नहीं है जिसकी खेती बिहार में नहीं कि जा सकती| पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर० के० सिंह ने कहा दोनों विश्वविद्यालय तकनिकी स्तर पर कार्य कर किसानों की दैनिक कार्यों को आसन कर सकते हैं| ड्रिप सिंचाई एक बेहतर सिचाई की प्रणाली है इसे हम IOT (Internet of Things) द्वारा हम सेंसर तैयार कर सकते हैं जिससे जरुरत के मुताबिक दिरिप स्वतः चलना शुरू या बंद कर सकता है| जियो सेटेलाइट से मौसम और मिटटी की सटीक जानकारी देने जैसे यंत्र पर कार्य किया जा सकता है|

कार्यक्रम में बिहार और उत्तर प्रदेश के किसानों को उनके क्षेत्र में बेहतर कार्य और नवाचार करने के लिए पुरुस्कृत किया गया| साथ ही जीविका दीदियों के 230 समूहों को सामुदायिक निवेश निति के तहत साढ़े नौ करोड़ रूपये का चेक प्रदान किया गया| कृषि विज्ञान केंद्र सबौर के सौजन्य से आर्या परियोजना के के तहत मंत्री के हाथो जीविका दीदियों को मछली की अंगुलिका और पोल्ट्री कीट प्रदान किया गया. साथ ही “स्वरोजगार सृजन करने हेतु कृषि यंत्रों का मरम्मती हेतु” 26 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के प्रशिक्षणार्थियों को माननीय मंत्री द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र और टूल किट दिया गया।

कुलपति डॉ डी० आर० सिंह* ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि जिन्हें हमने आज पुरुस्कृत किया है वे आज से वे अपने-अपने क्षेत्र में हमारे एम्बेसडर हैं| कुलपति ने कृषि शिक्षा की महत्ता को बताते हुए कहा कि हम स्कुल स्तर से ही कृषि को लोकप्रिय बनाने का कार्य करेंगे| कृषि शिक्षा प्राप्त छात्रों के लिए बीएयू अप्रैल में रोजगार मेला आयोजित करेगा जिसमें देश भर से कृषि और और इससे जुड़े निजी कंपनियों को आमंत्रित करेगा| इसमें छात्र-छात्राओं को कम्पनी रोजगार के अनुकूल प्रयोगिक प्रशिक्षण देंगे साथ ही मानदेय भी देंगे| आगे चलाकर स्कूली छात्रों में कृषि तकनीक के प्रति जागरूकता बढाने के लिए तकनीक मेला भी लगायेंगे|

अतिथियों का स्वागत प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर० के० सोहाने द्वारा किया गया एवं धन्यवाद् ज्ञापन कुलसचिव डॉ एम० हक द्वारा किया गया| सभा का सञ्चालन आर० जे० अन्नू द्वारा किया गया| इस अवसर पर सभी निदेशक, अधिष्ठाता, पीआरओ एवं सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों ने भाग लिया| स्मारिका का लोकार्पण “कृषि प्रौधोगिकी के माध्यम से पोषण सुरक्षा” पर स्मारिका का लोकार्पण मा० मंत्री द्वारा किया गया इसके अतिरिक्त “पोषण वाटिका, पोषण सुरक्षा का आधार” नमक पुस्तक का विमोचन भी किया गया|