स्टेट डेस्क/पटना: भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष से भाजपा नेता संजय सरावगी पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि संजय सरावगी की भाषा गाली गलौज और धमकी की भाषा थी, जो लोकतांत्रिक मूल्यों व परंपरा के खिलाफ है.
विदित हो कि विगत 1 मार्च को सदन के अंदर संजय सरावगी ने माले विधायक दल के नेता महबूब आलम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों की बौछार कर दी थी. उनकी भाषा पूरी तरह अमार्यदित थी. मुस्लिम समुदाय से आने के कारण उनको टारगेट किया गया.
भाकपा-माले भगत सिंह और अंबेडकर की वारिस है. इसे भाजपा को अच्छे से याद रखना चाहिए. बाबर, औरंगजेब और जिन्ना का नाम लेकर भाजपा दरअसल वोटों के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का प्रयास कर रही है. इसे कभी नहीं होने दिया जाएगा.
हमारी पार्टी और हमारे नेता देश की गंगा-जमुनी तहजीब और साझी शहादत व साझी विरासत के वारिस हैं. हमारी परंपरा अशफाक और रामप्रसाद बिस्मिल की परंपरा है. भाजपा देश के इस मिजाज को नष्ट करने का काम कर रही है.
यह भाजपा को ख्याल रखना चाहिए कि विधायक दल के नेता महबूब आलम सभी धर्मों-जाति समुदाय के गरीबों-कमजोर व उत्पीड़ित समुदाय के नेता हैं. विगत विधानसभा चुनाव में इसी लोकप्रियता के आधार पर महबूब आलम ने पूरे राज्य में वोटों के सर्वाधिक अंतर से जीत हासिल की थी. देश के संविधान व लोकतंत्र को कुचल देने पर आमादा और कमजोर वर्गों-अल्पसंख्यकों के खिलाफ भाजपा के इस नफरत भरे अभियान का जवाब जनता 2024 के चुनाव में देगी.