Karnataka: बीजेपी MLA के बेटे के घर मिले 6 करोड़ कैश, सीएम बोले- बगैर लिहाज के होगा भ्रष्टाचार पर एक्शन

कोलकाता

CENTRAL DESK : कर्नाटक में (बीजेपी) के विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत कुमार के एक ठेकेदार से 40 लाख रुपये रिश्वत लेते पकड़े गए थे. इसके घटना के एक दिन बाद लोकायुक्त पुलिस ने विधायक पुत्र के घर से छह करोड़ रुपये नकद बरामद किये हैं. इसे लेकर कांग्रेस मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की सरकार पर तीखे जुबानी हमले कर रही हैं. इसके जवाब में सीएम ने कहा कि किसी पार्टी का लिहाज किए बगैर भ्रष्टाचार पर एक्शन लेगी. वहीं आरोपी विधायक ने इसे अपने परिवार के खिलाफ साजिश बताया है. यहां होने जा रहे विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी के लिए ये रिश्वत कांड प्रतिष्ठा पर शर्मिंदगी की तरह देखा जा रहा है.

क्या था मामला?
लोकायुक्त सूत्रों के मुताबिक, बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के मुख्य लेखा अधिकारी प्रशांत को गुरुवार (2 मार्च) शाम को कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) कार्यालय में एक ठेकेदार से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया. लोकायुक्त सूत्रों ने कहा कि विरुपक्षप्पा केएसडीएल के अध्यक्ष हैं और प्रशांत कथित तौर से अपने पिता की ओर से रिश्वत की ‘पहली किस्त’ ले रहे थे.

पुलिसकर्मियों को केएसडीएल कार्यालय से नकदी से भरे तीन बैग भी मिले. लोकायुक्त के अधिकारियों ने प्रशांत के पकड़े जाने के तुरंत बाद उसके घर पर छापा मारा और शुक्रवार (3 मार्च) को भी अपना अभियान जारी रखा. लोकायुक्त सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को उन्होंने प्रशांत के घर से छह करोड़ रुपये नकद बरामद किये.

प्रशांत को एक ठेकेदार से रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था, जिसने साबुन और डिटर्जेंट उत्पादन के लिए केएसडीएल को आवश्यक रसायनों की आपूर्ति की थी. विधायक पुत्र ने 81 लाख रुपये की मांग की थी और 40 लाख रुपये पहली किस्त थी. ठेकेदार ने एक सप्ताह पहले लोकायुक्त से संपर्क कर रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की थी और इसके बाद यह जाल बिछाया था.

इस बीच, गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि लोकायुक्त पुलिस का जाल बिछाया जाना इस बात का सबूत है कि पिछली कांग्रेस सरकार के उलट मौजूदा सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए लोकायुक्त को पुनर्जीवित किया है. बोम्मई ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने अपने गलत कामों की लीपापोती के लिए लोकायुक्त संस्थान के अलावा एक अलग भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) बनाया था.

बोम्मई ने बेंगलुरू में संवाददाताओं से कहा कि अतीत में एक मजबूत लोकायुक्त की कमी के कारण, कांग्रेस शासन के दौरान भ्रष्टाचार के कई मामलों की जांच नहीं हो सकी थी. बोम्मई ने आगे कहा, ‘‘हम बार-बार कह रहे हैं कि हम निष्पक्ष जांच करेंगे. इस मामले में भी हमारा रुख यह है कि स्वतंत्र लोकायुक्त संस्था निष्पक्ष जांच करेगी और जिसने भी गलत किया है उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘वहां मिली सारी जानकारी और पैसा, सब कुछ अब लोकायुक्त के पास है. एक स्वतंत्र और न्यायसंगत जांच होनी चाहिए. हमारा लक्ष्य यह है कि सच्चाई सामने आनी चाहिए कि यह पैसा किसका था और इसका उद्देश्य क्या था.’’ इसके साथ ही सीएम बोम्मई ने ये भी कहा कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी शख्स को नहीं छोड़ेगी, भले ही वो किसी भी पार्टी का क्यों न हो.

वहीं विधायक मदल विरुपक्षप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को लिखे पत्र में कहा, “मेरे परिवार के खिलाफ कुछ साजिश है. मैं नैतिक जिम्मेदारी के तहत इस्तीफा दे रहा हूं क्योंकि मेरे खिलाफ आरोप हैं.”

कांग्रेस का आरोप है कि कर्नाटक में बीजेपी नेताओं के पास रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से अधिक पैसा है. पार्टी ने ट्वीट किया, “कर्नाटक बीजेपी नेताओं के घरों में आरबीआई से ज्यादा पैसा है. क्या इसलिए अमित शाह राज्य का बार-बार दौरा कर रहे हैं? पकड़ा गया पैसा वह पैसा था जो उन तक पहुंचने वाला था?”

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने सीएम बोम्मई के इस बयान पर, कि यह घटना इस बात का प्रमाण है कि वर्तमान बीजेपी सरकार 40 फीसदी कमीशन की सरकार है, बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप थे, लेकिन उन्होंने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो बनाकर इसे छिपाया. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार के समय के भ्रष्टाचार के कई मामले लोकायुक्त को सौंपे गये हैं, जिनकी जांच होगी और सच्चाई सामने आएगी.

बीजेपी एमएलए के बेटे के रिश्वत लेने पर ये कार्रवाई ऐसे वक्त हुई है जब दक्षिणी राज्य इस साल विधानसभा चुनाव कराने के लिए तैयार है, कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) सरीखी हर पार्टी यहां से बीजेपी को बेदखल करने की कोशिश कर रही हैं.