Kanpur : UPCA को चुकाने होंगे 700 करोड़, कारपोरेट मंत्रालय ने पकड़ी चोरी

कानपुर

Bhupendra Singh: उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन अपनी वित्तीय अनियमितताओं के चलते अब एक गहरे दलदल में फसता नजर आ रहा है| लगभग 7 घंटे तक चली कारपोरेट मंत्रालय की छापेमारी से उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की भ्रष्ट नीतियों का उजागर भी हो गया है| यही नहीं उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से आयकर विभाग पर लगभग 185 करोड़ की बकायदारी का भी मामला खुलकर सामने आ गया है| सघन छापेमारी के दौरान कारपोरेट मंत्रालय को करोड़ों रुपए की हेराफेरी के कई दस्तावेज साथ ही लैपटॉप और कंप्यूटर में फीड डाटा भी बरामद हुआ है|

कारपोरेट मंत्रालय की संयुक्त निदेशक ने 20 अप्रैल के भीतर ही कार्यालय से गायब किए गए दस्तावेजों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं और उन्होंने साफ तौर पर यह भी निर्देशित किया है कि यदि समय अवधि के भीतर दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए तो सभी निवेशकों के साथ कुछ कर्मचारियों को भी जिसमें महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी और सीईओ भी शामिल है उनको जेल भेजने की संस्तुति वाली कार्यवाही भी कराई जाएगी|

शुक्रवार को दिल्ली के कारपोरेट मंत्रालय से आई 7 सदस्यों की टीम ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के कमला नगर स्थित कार्यालय में छापा मारा| वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्ट नीतियों के चलते संघ पूर्व सदस्य ने ही शिकायत दर्ज कराई थी जिसका संज्ञान लेते हुए यह छापेमारी के प्रक्रिया चली| छापेमारी करने वाली टीम को संघ के एक निदेशक व संयुक्त सचिव के साथ ही वाइस प्रेसिडेंट फाइनेंस को दस्तावेज गायब करने के मामले में लताड़ भी मिली|

जबकि दोनों सीईओ के फोन जमा करवा लिए गए थे| जांच के दौरान भारी वित्तीय अनियमितताओं को पाया गया| यही नहीं संघ के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से आर ओ सी में कागज वह पत्राचार का सही ढंग से प्रयोग ना किया जाना भी पाया गया| जिसके चलते जी उन पर कार्यवाही के निर्देश जारी कर दिए गए| सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लगभग 700 करोड़ के गबन का मामला बीते 5 वर्ष में संघ के निवेशकों की ओर से किया गया है| जिस पर कारपोरेट मंत्रालय ने कड़ी कार्यवाही की है|

यूपीसीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि कारपोरेट मंत्रालय और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी की संयुक्त टीम ने छापेमारी की थी जिस पर अनियमितताओं को पाया गया| टीम ने संघ को गायब दस्तावेजों को 20 अप्रैल से पहले जमा कराने और लगभग 185 करोड आयकर का टैक्स भरने के निर्देश जारी किए हैं जबकि सात सौ करोड़ का मामला सामने आया है|