ईडी के घेरे में एमएलसी सच्चिदानंद राय: पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनियों से जुड़े तार, कोलकाता, सिलीगुड़ी हावड़ा और आगरा में छापेमारी!

पटना

हेमंत कुमार/पटना : बिहार विधान परिषद के सदस्य सच्चिदानंद राय ED के घेरे में आ गये हैं। छपरा जिले के बनियापुर के निवासी राय विधान परिषद के लिए स्थानीय निकाय क्षेत्र छपरा से पिछले साल निर्दलीय चुनाव जीते थे। तब उनकी चर्चा सबसे अमीर (890 करोड़ की संपत्ति) उम्मीदवार के रूप हुई थी। इससे पहले राय बीजेपी के टिकट पर एमएलसी चुने गये थे। इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) की टीम ने 794 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग के मामले में कोलकाता, सिलीगुड़ी , हावड़ा और आगरा में जिन चिट फंड कंपनियों को खंगाला है, उनमें राय भी साझीदार बताये गये हैं।

तीन दिनों तक चली रेड में ED ने पिनकॉन ग्रुप और टावर इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड नाम की दो चिटफंड कंपनियों के पंद्रह ठिकानों पर कोलकाता, हावड़ा, सिलीगुड़ी और आगरा में 1 मार्च को प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट PMLA-2002 के तहत रेड डाली थी। सीबीआई और पश्चिम बंगाल की पुलिस ने इन दोनों कंपनियों पर निवेशकों के क्रमशः 156 करोड़ और 638 करोड़ रुपये की हेराफेरी के आरोप में एफआइआर दर्ज कर रखा हैं।

इन कंपनियों ने उच्च ब्याज दर और कम अवधि में पैसे दोगुने करने का प्रलोभन देकर छोटे – छोटे निवेशकों से पैसे जुटाये थे। लेकिन जब पैसे वापस करने की बारी आयी तो मुकर गये!ईडी ने जिनके ठिकानों पर रेड डाली उनके नाम हैं, पिनकॉन ग्रुप और टावर ग्रुप के निदेशक मनोरंजन राय, हरि सिंह, और लाभार्थी ( beneficiaries) सुभ्रती बनर्जी,संजय बसु, मीना डे और रमेंदु चट्टोपाध्याय। साथ ही दूसरे लाभार्थी Eden Infraprojects Pvt Ltd के निदेशकों इंद्रजीत डे और सच्चिदानंद राय के यहां भी ईडी की रेड पड़ी। बिहार विधान परिषद के सदस्य सच्चिदानन्द राय की कंपनी रियल एस्टेट, ट्रांसपोर्ट और आइटी के कारोबार से जुड़ी है।

इंडियन स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड एंड आशीष ह्वील्स लिमिटेड भी लाभार्थी कंपनी है जिसके ठिकानों पर ईडी ने रेड डाली थी। रेड के दौरान दस्तावेज , मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे डिजीटल सबूत और 1.27 करोड़ की नगदी जब्त की गयी है। बिहार के लोगों को याद होगा , जब नीतीश कुमार बीजेपी के सहयोग से 2005 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे तब बिहार में बड़े धूमधाम से बिहार स्टेट ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन के साथ साझेदारी में इडेन की लग्जरी बस सेवा बिहार में शुरू हुई थी। मीडिया ने उसे बदलते बिहार की तस्वीर बताकर उसकी खूब ब्रांडिंग की थी। तब वृषिण पटेल ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर हुआ करते थे। धीरे-धीरे रहस्यमय ढंग से इडेन की सेवा समाप्त हो गयी। बिहार स्टेट ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन का करोड़ों रुपया डूब गया!