स्टेट डेस्क/ पटना : बिहार भाजपा ने पिछले दिनों अपने 45 सांगठिनक जिलाध्यक्षों की सूची जारी की है। 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव को फोकस करके ही भाजपा द्वारा यह सूची बनायी गयी होगी। दरअसल, बिहार में भाजपा पिछड़े व अतिपिछड़े वर्ग के मतदाताओं को अपने पक्ष करने की कोशिश में जुटी है। अब तक गठबंधन के भरोसे उनका यह काम होता रहा है, लेकिन अब भाजपा को समझ में आ गया है कि पिछड़े/अतिपिछड़े को बिना संगठन में भागीदारी दिये उनका काम बिहार में नहीं बनने वाला है।
हालांकि, इतने से उनका काम नहीं बनेगा, क्योंकि अब भी बिहार में भाजपा के पास पिछड़े/अतिपिछड़े वर्ग से आने वाले उपयुक्त चेहरे नहीं हैं। साथ ही बिहार में पिछड़ों में सर्वाधिक आबादी वाली यादव मतदाताओं को लेकर भाजपा समझ चुकी है कि लालू प्रसाद यादव के रहते वह वोट उनके पाले में नहीं जाने वाला है। यही वजह है कि अब भी भाजपा के 45 जिला अध्यक्षों में 23 सवर्ण ही हैं। वहीं 6 उनके कोर समर्थक वैश्य वर्ग से हैं। भाजपा के लिए सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि बाकी के बचे 16 जिलाध्यक्षों में मात्र एक दलित हैं। इस संख्या को भाजपा को और बढ़ाना होगा। वैसे लगता है कि दलितों के वोट के लिए भाजपा पूरी तरह से चिराग पासवान पर डिपेंड रहने के मूड में है। हो सकता है कि चुनाव तक जीतनराम मांझी भी भाजपा के साथ हों।
सबसे दिलचस्प यह है कि जिस कुशवाहा बिरादरी को भाजपा ने कभी विधानसभा चुनाव में पांच से अधिक सीटें नहीं दीं, उस कुशवाहा बिरादरी से इस बार पांच जिलाध्यक्ष बनाये गये हैं। इसके पीछे भी भाजपा की रणनीति बड़ी महीन है, क्योंकि कुशवाहा जाति की आबादी बिहार में पिछड़े वर्ग में यादवों के बाद सबसे ज्यादा मानी जाती है। भाजपा ने इस बात को ध्यान में रख उस बेगूसराय में अपना जिलाध्यक्ष कुशवाहा समाज के राजीव कुमार वर्मा को बनाया है, जहां अब तक भाजपा का कोई पिछड़ा जिलाध्यक्ष नहीं रहा है। यह कदम सकारात्मक तो है, लेकिन पिछड़ों/अतिपिछड़े का वोट लेने के लिए भाजपा को सिर्फ संगठन में भागीदारी नहीं, बल्कि टिकट में भी समुचित भागीदारी देनी होगी।
बिहार में भाजपा के जिला अध्यक्षों की जाति
ब्राह्मण (9)
- मधुबनी : शंकर झा
- अररिया : आदित्य नारायण झा
- बांका : ब्रजेश मिश्र
- गोपालगंज : संदीप गिरि (गोस्वामी : पिछड़ा वर्ग)
- बगहा : भूपेंद्रनाथ तिवारी
- ढाका : राजेश तिवारी
- सीवान : संजय पांडे
- अरवल : धर्मेंद्र तिवारी
- झंझापुर : ऋषिकेश राघव
भूमिहार (7)
- मुजफ्फरपुर : रंजन कुमार शाही
- गया : प्रेम कुमार शर्मा
- लखीसराय : दीपक कुमार सिंह
- नालंदा : इंजीनियर रविशंकर प्रसाद
- छपरा : रंजीत सिंह
- रक्सौल : अशोक कुमार पांडेय
- पटना ग्रामीण : धर्मेंद्र कुमार
अतिपिछड़े ( 7)
- कटिहार : मनोज राय (धानुक)
- नौगछिया : मुक्तिनाथ सिंह निषाद
- शेखपुरा : सुधीर कुमार बिंद
- दरभंगा : जीवच्छ सहनी
- रोहतास : सुशील कुमार (चंद्रवंशी)
- पटना शहरी : अभिषेक कुमार (चंद्रवंशी)
- औरंगाबाद : मुकेश शर्मा (विश्वकर्मा)
वैश्य (6)
- भागलपुर : संतोष सहा
- मुंगेर : अरुण पोद्दार
- कैमूर : मनोज जायसवाल
- सीतामढ़ी : मनीष गुप्ता
- खगड़िया : शत्रुध्न भगत
- भोजपुर : दुर्गा राज (कानू : अतिपिछड़ा वर्ग)
राजपूत (5)
- बक्सर : विजय कुमार सिंह
- शिवहर : नीरज कुमार सिंह
- जमुई : कन्हैया कुमार सिंह
- सहरसा : दिवाकर सिंह
कुशवाहा/कोईरी (5)
- बेगूसराय : राजीव कुमार वर्मा
- नवादा : अनिल मेहता
- वैशाली : प्रेम सिंह कुशवाहा
- समस्तीपुर : उपेंद्र सिंह
- जहानाबाद : अजय देव (दांगी : अतिपिछड़ा वर्ग)
कायस्थ (2)
- बेतिया : रूपक श्रीवास्तव
- मोतिहारी : प्रकाश अस्थाना
यादव (2)
- किशनगंज : सुशांत गोप
- मधेपुरा : दीपक कुमार
कानू
बाढ़- अरुण कुमार
कुर्मी (1)
- पूर्णिया : राकेश कुमार
दलित (1)
- सुपौल : नरेंद्र ऋषिदेव (मुशहर)
नोट : Vivekanand kushwaha , वरिष्ठ पत्रकार की फेसबुक वाल से साभार