Muzaffarpur/Befoteprint. जिला आपदा प्रबंधन प्रशाखा, मुजफ्फरपुर के तत्वाधान में समाहरणालय सभागार में अगलगी व गर्म हवा ,लू की रोकथाम, जोखिम न्यूनीकरण एवं पूर्व तैयारी हेतु एक दिवसीय कार्यशाला सह समीक्षात्मक बैठक का आयोजन श्री प्रणव कुमार, जिलाधिकारी, मुजफ्फरपुर की अध्यक्षता में किया गया। कार्यशाला में डॉ अजय कुमार, अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन, श्री संजीव कुमार अपर समाहर्ता, राजस्व, शारंगपानी पांडे वरीय उप समाहर्ता ज्ञान प्रकाश, अनुमंडल पदाधिकारी, पूर्वी, श्री ब्रिजेश कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी, पश्चिमी श्री शिलाजीत सिंह जिला कृषि पदाधिकारी, दिनेश कुमार, जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी एवं अभियंता उपस्थित रहे।
इस कार्यशाला में जिला स्तरीय सभी वरीय पदाधिकारी एवं संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग कर गर्मी के दिनों में होने वाली अगलगी की घटनाओ के रोकथाम तथा न्यूनीकरण पर विचार विमर्श किया, साथ ही पूर्व तैयारी के स्तर को बेहतर बनाने व अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु विभागवार रणनीति बनाई गई। सर्वप्रथम श्री कुमार अभिषेक वरीय उप समाहर्ता सह प्रभारी पदाधिकारी जिला आपदा प्रबंधन प्रशाखा मुजफ्फरपुर के द्वारा पीपीटी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जिले में अगलगी की वर्तमान स्थिति, अग्निशमन के न्यूनीकरण हेतु किये जा रहे प्रयास, विभागीय मानक संचालन प्रक्रिया, उपलब्ध संसाधन, चिन्हित हॉटस्पॉट आदि के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी साझा की गयी।
उन्होंने 3 वर्षों के अगलगी के आंकड़ों के माध्यम से बताया कि वर्तमान में अगलगी की घटनाओं में कमी आयी है परन्तु अभी भी मुजफ्फरपुर जिला बिहार में अगलगी के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील जिलों की श्रेणी में आता है, अगलगी न्यूनीकरण हेतु निरंतर प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में झोंपड़ी तथा पशुबाड़े में अगलगी की रोकथाम हो सकती है। डॉ अजय कुमार, अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन ने कार्यशाला के उद्शेश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा इस वर्ष भीषण गर्मी होने का पूर्वानुमान किया गया है जिसके मद्देनजर एईएस, लू, अगलगी की रोकथाम और रिस्पांस में सभी सम्बंधित विभागों को समन्वित रूप से कार्य करना होता है, यह अत्यंत आवश्यक कि सभी विभाग पूर्व से ही योजनाबदध ढंग से कार्य करें तथा अगलगी की रोकथाम हेतु महत्वपूर्ण हितभागियों को चिन्हित करते हुए समाज में जन जागृति लाने का कार्य करें।
अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री प्रणव कुमार, जिलाधिकारी, मुजफ्फरपुर ने कहा कि गर्मी के दिनों में अगलगी की घटनाओं को रोकने के दृष्टिगत सभी विभाग सभी स्तर पर तैयारी सुनिश्चित कर लें। उन्होंने कहा कि अगलगी मानवजनित आपदा है तथा इसको जागरूकता, सतर्कता व संवेदनशीलता से न्यूनीकृत किया जा सकता है। अंचलाधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों में भी अग्नि दुर्घटनाओं के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर हॉट स्पॉट चिन्हितकर सूचीबद्ध करें, उक्त क्षेत्रों में अग्नि निरोधात्मक उपाय करने के साथ-साथ जन प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने, स्थानीय युवाओं को जागरूक करने, जीविका,आगनबाडी सहायिका, आशा के सहयोग से प्रचार प्रसार, प्रशिक्षण तथा माकड्रिल के माध्यम से आमजन को जागरूक करें।
उन्होंने अग्निकांड की स्थिति में प्रभावी त्वरित कार्यवाही करते हुए प्रभावितों को स्वयं भ्रमण करते हुए नियमानुसार आहेतुक सहायता व बड़ी आपदा की स्थिति में विभागीय मानक के अनुसार उपलब्ध कराने हेतु पदाधिकारियों को निर्देश दिया। अग्निशमन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि औद्योगिक इकाइयों, अस्पतालों, स्कूलों, सरकारी भवनों, सिनेमाघरों, शापिंग माल, शोरुम, सघन बाज़ार जैसे भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थलों का फायर ऑडिट निरीक्षण करते हुए शीध्र कर लें तथा सम्बंधित कर्मियों को प्रशिक्षित करें। स्वास्थ्य विभाग को अस्पतालों में बर्न वार्ड व आइसोलेशन वार्ड में समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का भी निदेश दिया।
गर्मी के मद्देनजर नगर निगम नगर परिषद नगर पंचायतों तथा ग्राम पंचायतों के सार्वजनिक स्थानों पर जल प्याऊ की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए तथा रैन बसेरों में आवासन की व्यवस्था समस्त मूलभूत सुविधाओं के साथ की जाए। जिला पंचायत राज पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों के तालाबों में जलभराव सुनिश्चित कराएं तथा पंचायती राज प्रतिनिधियों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में आग लगी तथा लू से रोकथाम के बारे में जागरुकता का प्रसार करें। डॉ चंद्रशेखर चिकित्सक सदर अस्पताल मुजफ्फरपुर ने अगलगी से प्रभावित व्यक्ति के प्राथमिक उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा की अगलगी से प्रभावित व्यक्ति पर धुल या मिटटी नहीं डाले तथा प्रभावित अंग पर पानी का अधिक से अधिक प्रयोग करते हुए नजदीकी स्वास्थ केंद्र पहुंचाएं ।
श्री विनय कुमार सिंह, अग्निशमन पदाधिकारी ने कहा कि अगलगी का प्रमुख कारण बिजली शार्ट सर्किट तथा गैस सिलिंडर में लीकेज है। उन्होंने बताया की नुक्कड़ नाटक, एल०ई०डी० शो, माकड्रिल तथा हैण्डबिल वितरण आदि के माध्यम से अग्निशामक यंत्र के संचालन तथा गैस सिलिंडर की आग को बुझाने का अभ्यास ग्रामीण क्षेत्रों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, औद्योगिक संस्थानों व विद्यालयों में किया जा रहा है ताकि अग्नि सुरक्षा के बारे में आमजन को जागरूक व संवेदनशील बनाया जा सके। उन्होंने फायर हाईड्रेन्ट महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा की सभी औद्योगिक इकाइयों, सरकारी भवनों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को फायर हाईड्रेन्ट सिस्टम लगाना चाहिए। उनके द्वारा जानकारी दी गयी कि सभी सरकारी ट्यूबवेल व पानी टंकी में कनेक्टर लगा कर नोजल फिक्स किया जा रहा है ताकि आपात स्थिति में फायर टेंडर में पानी भरा जा सके, इससे फायर रिस्पांस और बेहतर होगा।
कार्यशाला में सभी विभागों, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों तथा हितभागी एजेंसियों ने अगलगी के मद्देनजर की जा रही पूर्व तैयारियों के बारे में अवगत कराया तथा प्रखंड से लेकर पंचायतों में जागरूकता प्रशिक्षण आयोजित करने पर विशेष बल दिया। श्री कुमार अभिषेक, वरीय उप समाहर्ता सह प्रभारी अधिकारी, जिला आपदा प्रबंधन प्रशाखा, मुजफ्फरपुर ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सभी विभागों तथा रिस्पांस एजेंसियों को गंभीरता से अग्निकांड जैसी आपदाओं से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए कहा। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रोग्रामर, विद्या सुरुचि, राकेश कुमार तथा सी शशि नारायण राव का विशेष योगदान रहा।