फुलवारी शरीफ,अजीत . पटना सहित देश के किसी भी हिस्से में 22 मार्च को चांद के दीदार नहीं होने की स्थिति में 23 तारीख से तरावी की नमाज शुरु हो गई है . वही सभी मुसलमान भाई रमजान के पाक मुकद्दस माह की शुरुआत शुक्रवार जुम्मा 24 मार्च को रोजा रखेंगे और निर्धारित समय पर अकीदत के साथ पहला रोजा खोलेंगे . रमजान के हर लम्हा हर पल को लोग अपने खुदा की इबादत में लीन रहने, कुरान शरीफ की तिलावत करने में गुजारने में लगे रहते, रमजान का महीना शुक्रवार को शुरू हो रहा है इससे मुसलमान भाइयों में खुशियां बढ़ गई है . जान के पहला रोजा खोलने के दिन है पहला जुम्मा का नमाज भी अदा किया जाएगा इसके लिए मस्जिदों में सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है.
बाजारों में बाकरखानी सेवईयों की दुकानें भी सज गई है. जरूरत के मुताबिक शहरी और इफ्तार के सामान की खरीदारी में भी लगे रहे. इस्लामिक विद्वानों के मुताबिक रमजान का माह बहुत पवित्र माना जाता है और इस महीने गरीब व जरूरतमंद की मदद करनी चाहिए. साथ ही रोजा रखते हुए अल्लाह की इबादत करनी चाहिए. पवित्र कुरान के मुताबिक इस पाक महीने में अल्लाह ने पैगंबर साहिब को अपना दूत चुना था. इस माह में सभी मुस्लिम लोगों को रोजा रखना अनिवार्य माना जाता है.
साथ ही पांच वक्त की नमाज भी जरूरी बताई गई है. इस पाक माह में ईद से पहले जकात यानी दान देना जरूरी माना जाता है. जकात में केवल साल भर की कमाई का ढाई फीसदी हिस्सा जरूरतमंदों को दान किए जाते हैं.रमजान माह में रोजा रखने के लिए सुबह सूर्य उगने से पहले सेहरी की जाती है.
सेहरी में दूध, फलों या अन्न से बनी चीजों का सेवन किया जा सकता है. सेहरी के बाद एक दुआ पढ़ी जाती है, जिसके बाद से रोजा शुरू हो जाता है. रोजा शुरू होने के बाद सूर्य ढलने तक इंसान को एक बूंद पानी की भी इजाजत नहीं होती है. शाम में समय मगरिब की नमाज से ठीक पहले इफ्तार यानी रोजा खोलने का समय होता है.