-माह भर में एक ही परिवार पर व एक ही
-प्रकरण पर तीन बार की निरोधात्मक कार्यवाही।
पुरवा-उन्नाव/अशोक तिवारी। मौरावां पुलिस नियमों की अनदेखी करने में माहिर है आरोप यूं ही नहीं है सीआरपीसी के तहत होने वाली निरोधात्मक कार्यवाही में पुलिस ने एक माह में एक ही परिवार व एक ही प्रकरण को लेकर तीन बार 107/116 की कार्यवाही कर नियमो को चिन्धी चिन्धी कर डाला इस सम्बंध में पीड़ित ने आलाधिकारियों को जरिये प्रत्यावेदन हस्तक्षेप की जरूरत बताई है।
प्रकरण थाना क्षेत्र के ग्राम कोड़रा के मजरे नयाखेड़ा से सम्बंधित है पीड़िता राजकुमारी पत्नी रामसागर पुत्र की मानें तो उसका पड़ोसी देवदत्त लोधी से सहन की जमीन को लेकर विवाद है जिसका वाद न्यायालय(दीवानी) में विचाराधीन है चूंकि पड़ोसी सरकस और पहुंच वाले हैं लिहाज स्थानीय पुलिस भी उनके इशारे पर चलती है पीड़िता राजकुमारी ने आगे बताया कि विपक्षी से प्रभावित मौरावां पुलिस ने कई बार थाने बुलाकर हमें अपमानित किया यही नहीं विपक्षी देवदत्त की तरफ से 107 /116 के तहत दो मुकदमें दर्ज किये जो क्रमशः
वाद संख्या 2695 व 3088 जिनकी तारीख पेशी 22 फरवरी व 13 मार्च थी। पीड़िता ने बताया कि मौरावां पुलिस की तानाशाही यही नहीं रुकी उसने एक और मुकदमा 107/116 के तहत दर्ज किया जिसका वाद संख्या 3211 है व तारीख पेशी 23 मार्च (आज) थी। बहादुर मौरावां पुलिस का कारनामा देखिए उसने तीनों मुकदमों में राजकुमारी उसके पति रामसागर व परिवारी अर्चना पत्नी श्यामसुंदर को ही नामित किया।हलांकि काबिलियत का परिचय देते हुए उसने नामितो की उम्र के साथ साथ निवास स्थान में थोड़ी हेराफेरी करके न्यायालय को गुमराह करने की चाल बड़ी ही साफगोई से चली।
नियमों को बलाए ताख पर रख काम करने की आदी मौरावां पुलिस भाजपा सरकार को जमीदोंज करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही वर्दी के आतंक से राजकुमारी के परिवार जैसे अनगिनत परिवार पुलिस की बेहूदा हरकतों से परेशान हो चुके हैं।एक माह में तीन बार 107/116 की कार्यवाही व पुलिस की प्रताड़ना से अजीज रामकुमारी का परिवार पलायन की तैयारी में इस सम्बंध में उसने जिले के आलाधिकारियों सहित शासन को जरिये प्रत्यावेदन न्याय की गुहार लगायी है इस सम्बन्ध में हमनें उपजिलाधिकारी अजीत जायसवाल से बात की तो वह भी आश्चर्यचकित हो उठे उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में मौरावां पुलिस से जबाव मांगेंगे।