स्टेट डेस्क/पटना : भाकपा-माले ने कहा कि सरकार अतिथि सहायक प्राध्यापकों के समायोजन की मांग पर पुनर्विचार करें! बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में यूजीसी के मानदंडों पर पिछले 7 वर्षों से बहाल अतिथि सहायक प्राध्यापकों को हटाए जाने के खिलाफ एवं उनके समायोजन की मांग को लेकर आज बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अतिथि सहायक प्राध्यापकों ने आक्रोशपूर्ण मार्च किया। माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने सरकार से सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि हिंदी विषय में स्थायी नियुक्तियां होते ही विभिन्न विश्वविद्यालयों ने बहुत सालों से कार्यरत अतिथि सहायक प्राध्यापकों को हटाना शुरू कर दिया है। यह उचित नहीं है. कई वर्षों से पढ़ा रहे इन अतिथि सहायक प्राध्यापकों को नियमित बहाली में कोई वरीयता नहीं दी गई, जिसके कारण आज उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।
जिस प्रकार हरियाणा, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने अतिथि सहायक प्राध्यापकों का नियमितीकरण किया है, उसी प्रकार का कदम बिहार सरकार को भी उठाना चाहिए।