बक्सर : जीवन का परम फल है वैराग्य-आचार्य भारतभूषण

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बक्सर, 7 अप्रैल। शहर के शिवपुरी मुहल्ले में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के पहले दिन प्रवचन करते हुए प्रख्यात भागवत वक्ता आचार्य (डॉ.)भारतभूषण जी महाराज ने कहा कि मानव शरीर की प्राप्ति भगवान की अतिशय कृपा से हुई है। यह भक्ति, विरक्ति और भगवत्प्रबोध की प्राप्ति के लिए है। वैदिक सनातन धर्म के पालन से विरक्ति अर्थात् वैराग्य का उदय होता है। वैराग्य से ज्ञान की प्राप्ति होती है।

उन्होंने कहा कि धर्म के पालन से ही लोक और परलोक में सुख होता है। दृढ़ता पूर्वक धर्म पालन से ही पूर्व और भावी पीढ़ियों का उद्धार होता है। पुण्य ही किसी के उत्कर्ष का कारण होते हैं न कि कोई अन्य व्यक्ति। पुण्यों के परिणाम से ही जीवन में विकास का मार्ग देने वाले व्यक्ति भी मिलते हैं और वैकुंठ प्रदान करने वाले महापुरुषों की संगति भी।अनेक जन्मों के समर्जित पुण्यों से भागवत सत्संग की प्राप्ति होती है। आचार्य ने कहा कि गोवंश,विप्र,वेद,सती देवियां, सत्यवादी, निर्लोभ और दानशील ये सातों पृथ्वी के धारक तथा यज्ञों के सम्पादक हैं। इनके विकृत या विलुप्त होने पर न तो धर्म बचेगा न ही पृथ्वी।

उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत सभी वेदों, पुराणों और धर्म शास्त्रों का सारहृदय और भगवान श्रीकृष्ण की वाङ्मयी मूर्ति है। इसके श्रवण – कीर्तन से संसार के सभी बंधन शीघ्र छूट जाते हैं और वैकुंठ की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर यजमान पं नरेंद्र पांडेय उर्फ लालबाबू पांडेय सहित शताधिक श्रद्धालुओं ने सर्वतोभद्र मण्डल के आवाहित देवताओं का पूजन – अर्चन किया। प्रयागराज से पधारे पं.संजय द्विवेदी ने समस्त कर्मकांड और मूल पाठ पं. ब्रजकिशोर पांडेय ने संपन्न किया। इस अवसर पर शिवपुरी मुहल्लेवासियों के अलावे पूर्व बैंक अधिकारी गुणागर उपाध्याय, सहारा इंडिया के अधिकारी मदन मोहन मिश्र,वागीश पांडेय, मोहन पांडेय, राहुल पांडेय, पप्पू पांडेय स्नेह तिवारी सहित कई समाजसेवी उपस्थित रहे।