पीके का नीतीश और तेजस्वी पर हमला, कहा एक बेवकूफ अहंकारी तो दूसरे को किसी विषय की जानकारी नहीं

पूर्वी चंपारण

भगवानपुर/ राजन द्विवेदी। जन सुराज पदयात्रा के 201 वें दिन आज की शुरुआत वैशाली के भगवानपुर से हुई। प्रशांत किशोर वैशाली के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच गए। उनकी स्थानीय समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कही। जन सुराज पदयात्रा के दौरान दौरान उन्होंने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर हमला बोला। कहा कि एक बेवकूफ और अहंकारी है। जिसके कारण बिहार में जंहरीली शराब पीने से अब तक सैकड़ों लोगों की जाने चली गई। तो दूसरे को किसी भी विषय का ज्ञान ही नहीं है। बिहार के लोगों को मूर्ख समझा जाता है, लेकिन क्या तेजस्वी यादव मुझसे अच्छा इंग्लिश, फ्रेंच बोल सकते हैं? प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव हमसे अच्छा भोजपुरी बोलेंगे क्या? लेकिन तेजस्वी को ना इंग्लिश आती है और ना ही ठीक से भोजपुरी बोलनी आती है।

उन्होंने जीवन में कुछ पढ़ा नहीं है और किसी भी विषय का कोई ज्ञान नहीं है। जब जनता तेजस्वी से रोजगार के बारे में पूछती है तो वो कहते हैं कि भाजपा को रोको और यह बोलकर वह लोगों को मुर्ख बनाते हैं। आप कहते हैं कि शराब माफिया और बालू माफिया बहुत ज्यादा हो गए हैं तो तेजस्वी कहते हैं कि जातीय जनगणना करवा रहे हैं। ये काम करते नहीं है बस नए नए मुद्दों पर अपनी बात रख कर बहानेबाजी करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में शराब माफिया और बालू माफिया कौन लोग हैं? ये सब जानते हैं ये सभी एक दल के लोग हैं जो बिहार में बालू माफिया का काम कर रहे हैं, क्या किसी को इसके बारे में मालूम नहीं है? इसके बाद तेजस्वी कहते हैं कि हमको अपराध और अपराधियों से कोई लगाव नहीं है। इस देश में राजद से ज्यादा अपराध करने वाले और अपराधी लोग देश की किसी पार्टी में नहीं है।

प्रशांत किशोर ने जातीय जनगणना के सवाल पर बोला कि मैंने पहले ही दिन से कहा है कि किसी भी तरह की जनगणना या सर्वे से ऐसी कोई भी जानकारी जिससे सरकार के पास समाज के बारे में बेहतर जानकारियां आएं, उसको हो जाना चाहिए। जनगणना या सर्वे हो जाने मात्र से स्थिति में सुधार नहीं आएगा। दलितों की जनगणना लगातार होती आई है फिर भी दलित आज सबसे बदहाल स्थिति में हैं। बिहार में जनगणना होगी उनमें एक अच्छी बात ये है कि विभिन्न जातियों की स्थितियों की जानकारी मिलेगी। बिहार आज देश में सबसे गरीब राज्य है, इसकी जनगणना तो पहले ही हो गई है तो इसमें क्यों सुधार नहीं हो रहा है। यदि जनगणना हो जाने से स्थिति सुधर जाती तो अब तक पूरे भारत में से गरीबी खत्म हो जाती। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के माध्यम से समाज में जातीय विद्वेष फैलाना, लोगों को लड़ाना और एक दूसरे को बांटने का प्रयास है।

प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला करते हुए कहा कि जो जनगणना 2011 में हुई है उस आंकड़े को जारी किया जाना चाहिए। उसमें कोई कमी है तो उस पर चर्चा होनी चाहिए। उसके बाद से नीतीश कुमार भाजपा के साथ सरकार में भी रहें। लेकिन उन्होंने उन आंकड़ों को जारी नहीं किया। यदि भाजपा जनगणना के आंकड़े जारी नहीं करने दे रही थी तो नीतीश कुमार ने भाजपा को क्यों नहीं छोड़ा, लेकिन जब भाजपा नीतीश कुमार की जगह नया मुख्यमंत्री बनाने लगी तो भाजपा को छोड़कर जातीय जनगणना कराने जा रहे हैं। बिहार के जो मुद्दे हैं उन पर नीतीश कुमार काम नहीं कर रहे हैं। बिहार में बच्चों के पढ़ने के लिए व्यवस्था नहीं है उस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। नीतीश कुमार की बेवकूफी और अहंकार की वजह से आज सैकड़ों लोग जहरीली शराब पीने की वजह से मौत के शिकार हो रहे हैं।