युगावतार थे महात्मा सुशील, संसार को सिखाया प्रेम सबसे करो, आसक्ति किसी से नहीं : माँ विजया

पटना

-इस्सयोग के दो दिवसीय महानिर्वाण महोत्सव का हुआ समापन,
-‘शक्तिपात-दीक्षा’ २५ अप्रैल को

पटना,अजीत । सूक्ष्म आध्यात्मिक साधना पद्धति ‘इस्सयोग’ के प्रवर्त्तक महात्मा सुशील कुमार युगावतार थे, जिन्होंने संसार को यह सिखाया कि प्रेम सबसे करो, आसक्ति किसी से नहीं। उन्होंने यह भी सिद्ध किया कि एक गृहस्थ भी आंतरिक साधना के माध्यम से ईश्वरीय चेतना को प्राप्त कर सकता है। प्रत्येक व्यक्ति में वह शक्ति है। एक सक्षम सदगुरु की कृपा हो जाए तो कोई भी अपनी मुक्ति का मार्ग प्राप्त कर सकता है। यह बातें सोमवार को, ब्रह्मलीन सदगुरुदेव महात्मा सुशील कुमार के २१वे महानिर्वाण दिवस पर आयोजित दो दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन गोलारोड स्थित राजलक्ष्मी फार्महाउस परिसर में आयोजित मुख्य समारोह में अपना आशीर्वचन देती हुईं, संस्था की अध्यक्ष और ब्रह्मनिष्ठ सद्ग़ुरुमाता माँ विजया जी ने कही। माताजी ने कहा कि, सभी साधक को सदा सकारात्मक रहना चाहिए। नकारात्मकता साधकों की सबसे बड़ी बाधा है। इसी सोंच के कारण हम छोटी समस्या को बड़ी बना लेते हैं। हमारे संकलप में इतनी शक्ति है कि हमारी सभी बाधाएँ दूर हो सकती हैं।

अपने संबोधन में संस्था के उपाध्यक्ष (मुख्यालय) पूज्य बड़े भैया श्रीश्री संजय कुमार ने कहा कि गुरुदेव कहा करते थे की समष्टि में शक्ति है। वे प्रेम पर सबसे अधिक बल देते थे। प्रेम की भावना सबसे शक्तिशाली है। उन्होंने कहा कि इस्सयोग की साधना ही हमारा कल्याण करेगी। उनकी ओर से हम सबको दिया गया यह एक ब्रह्मास्त्र है। बड़े भैया ने, इस अवसर पर, विशेष उपलब्धि प्राप्त प्रतिभाशाली इस्सयोगियों डा शालिनी शेखर, पूर्णिया, लावण्या दत्त, मेरठ, अनीता रूबी,कैलिफ़ोर्निया(अमेरिका) को ‘महात्मा सुशील कुमार माँ विजया प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया। आरंभ में समारोह का उद्घाटन संस्था के सचिव कुमार सहाय वर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर, दो दर्जन से अधिक इस्सयोगियों ने अपने उद्गार भी व्यक्त किए।

इसके पूर्व, विगत दिन ११ बजे से कंकड़बाग स्थित गुरुधाम में आरंभ हुआ २१ घंटे की अखंड साधना और संकीर्तन का कार्यक्रम आज पूर्वाहन ९ बजे समाप्त हुआ। इसके पश्चात, सदगुरुदेव के प्रति श्रद्धा-तर्पण के निमित्त हवन-यज्ञ किया गया। हवन-यज्ञ में माताजी के दिव्य सान्निध्य में यज्ञमान के रूप में बडे भैया के साथ छोटे भैया संदीप गुप्ता, नीना संदीप गुप्ता, बड़ी बहन संगीता झा, शिवम् झा, काव्या-शिवम् सिंह, दिव्या झा, संयुक्त सचिव उमेश कुमार, डा अनिल सुलभ, सांसद रमा देवी, लक्ष्मी प्रसाद साहू, माया साहू, किरण झा, मंजू देवी, प्रभात रुचि झा समेत अन्य इस्सयोगी सम्मिलित हुए। यह जानकारी देते हुए, संस्था के संयुक्त सचिव डा अनिल सुलभ ने बताया कि २५ अप्रैल को गोला रोड स्थित एम एस एम बी इस्सयोग भवन में ‘शक्तिपात-दीक्षा’ का कार्यक्रम आहूत है, जिसमें माताजी द्वारा नव जिज्ञासुओं को, इस्सयोग की सूक्ष्म आंतरिक साधना आरंभ करने हेतु आवश्यक दीक्षा प्रदान की जाएगी।

वरिष्ठ इस्सयोगी साधिका वंदना वर्मा, मीरा देवी, बीरेन्द्र राय, गीता प्रसाद, गायत्री कृष्ण मोहन राय, प्रदीप-गायत्री, मिली मनोज राज, राकेश श्रीवास्तव, हरिवंश लाल आहूजा, योगेन्द्र प्रसाद, सी एल प्रसाद, अनीता देव, डा गोविंद बैंकानी, दीना नाथ शास्त्री समेत सैकड़ों इस्सयोगी महोत्सव की सफलता के लिए निरंतर सक्रिए रहे। दुनिया के विभिन्न देशों से आए पाँच हज़ार से अधिक इस्सयोगियों ने इस दिव्य महोत्सव में भाग लिया। संध्या में कंकड़ बाग गुरुधाम में महात्मा जी पर निर्मित वृत्तचित्र के प्रसारण और महापरसाद के साथ यह उत्सव संपन्न हुआ।