दो वर्ष बाद भी किसानों को नहीं मिल रही बीज अनुदान की राशि

नवादा
  • अनुदानित बीज खरीद चुके किसानों को पैसा के लिए लगाना पड़ रहा कार्यालय का चक्कर

नवादा (रवीन्द्र नाथ भैया) सत्र-2022 – 23 जिले के सैकड़ों किसानों ने अनुदानित बीज की खरीदारी की थी. सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए तरह-तरह की तकनीक अपना रही है जिससे बहुत सारे किसान लाभान्वित हो रहे हैं.दूसरी तरफ अधिकारियों की सुस्ती या लापरवाही के कारण वर्षों बीत जाने के बाद भी अनुदानित बीज खरीद चुके किसानों के खातों में अनुदान की राशि नहीं भेजी जा रही है.जिस कारण सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले अनुदानित बीज को लेने में किसानों को बहुत अधिक दिलचस्पी नहीं होती है.
बता दें सत्र-2022 – 23 में जिले के हजारों किसानों द्वारा अनुदानित बीज की खरीदारी की गई थी लेकिन छह माह से अधिक बीत जाने के बाद भी अनुदान की राशि किसानों के खाते में नहीं पहुंची है.

उसी प्रकार कुछ दिन पहले कृषि कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए सूची के अनुसार रबी फसल सत्र 21-22 में किसानों को अनुदानित चना का बीज उपलब्ध कराया गया जिसमें कई किसानों का अब तक अनुदान की राशि नहीं मिली है. उसी प्रकार उसी सत्र में मूंग खरीद चुके किसानों में कई किसान तथा मसूर खरीदने वाले किसान को दो वर्ष होने को है लेकिन अनुदान की राशि किसानों के खातों में नहीं पहुंचा है जिस कारण इन किसानों को हर रोज कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है. अधिकारियों द्वारा एक ही रटा रटाया जवाब बस कुछ दिनों में आपके खाता में राशि भेज दी जाएगी.

बाजार में मिल रहे बीजों की कीमत अधिक :-
प्रत्येक वर्ष सैकड़ों किसान रबी फसल जिसमें मुख्य रूप से चना, गेहूं, मसूर आदि की खरीद अनुदानित दर पर करते हैं. खरीद के समय किसानों को सरकार द्वारा तय की गई राशि जो बाजार में मिल रहे बीजों की कीमत से अधिक देनी होती है. सरकार से अनुदान मिलने के बाद किसानों से ली गई सारी राशि किसानों के खाते में वापस कर दी जाती है. अनुदानित बीज की खरीदारी के समय अधिकारियों द्वारा एक से दो महीना के अंदर अनुदान की राशि किसानों के खाते में भेज देने की बात कही जाती है. लेकिन कम से कम छह माह से लेकर एक वर्ष तक का समय राशि भेजने में अधिकारियों द्वारा लगाई जाती है.

कुछ किसानों की गलती या कार्यालय कर्मियों की गलती के कारण अकाउंट नंबर आधार नंबर या अन्य प्रकार की गलती कर दी जाती है जिस कारणों से किसानों को अनुदान की राशि प्राप्त करने के लिए बर्षो कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. जिस कारण बाजार में मिल रहे बीज से अधिक कीमत देकर सरकार द्वारा उपलब्ध अनुदान की बीज खरीदने में किसानों की बहुत रुचि नहीं होती है. उसी प्रकार लगभग छह माह पहले रवि फसल के लिए सैकड़ों किसानों ने अनुदानित दर की बीज खरीदी है लेकिन अभी तक उनको राशि प्राप्त नहीं हुई है.