बक्सरःऐ साहेब यक्ष्मा रोगी खातिर मेथोडिस्ट अस्पताल वरदान से कम नईखे

बक्सर

एक सौ पैसठ साल प्राचीन मेथोडिस्ट अस्पताल मना चुका है गोल्डेन जुबली

बक्सर, बीपी। यक्ष्मा रोग की खात्मा के लिए राज्य सरकार की कई निःशुल्क योजनाएं जारी है। स्वास्थ विभाग द्वारा जारी योजनाआंें का यक्ष्मा रोग से पीड़ित नागरिक लाभ भी उठाते है। पर आप मानें अथवा नहीं मानें। प्रतापसागर स्थित यक्ष्मा रोग के ईलाज को लेकर स्थापित मेथोडिस्ट अस्पताल के सेहत पर सरकारी योजनाओं का कोई खास असर नहीं पड़ा है। अलबता यक्ष्मा रोगियों के ईलाज की दिशा में मेथोडिस्ट अस्पताल का वजूद 165 साल से कायम है। इस अस्पताल में साल भर यक्ष्मा रोग से पीड़ित उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में गोरखपुरए सोनभद्रए आजमगढ़ए मउए गाजीपुरए मीर्जापुर के आलावे प्रांत के रोहतासए कैमूरए भोजपुर एवं बक्सर जिला के आलावे पश्चिम बंगाल तक के रोगी ईलाज कराने को पहंुचते है।

इस मेथोडिस्ट अस्पताल उस समय चर्चा का केन्द्र बिंदु बना हुआ था। जब कोविड.19 के संक्रमण काल को लेकर जब जिला के तमाम नर्सिंग व प्राईवेट अस्पताल का दरवाजा बंद हो गया था। उस दरम्यान मेथोडिस्ट अस्पताल का दरवाजा मरीेजों का ईलाज के लिए चैबीस घंटे खुला हुआ था। कोविड.19 के घोर संक्रमण काल में इस अस्पताल नें अपनी एक अलग पहचान ही नहीं बनाई। बल्कि मेथोडिस्ट अस्पताल प्रबंधन सरकार व प्रशासन से प्रशस्ति पत्र पाने का हकदार बन गया। अस्पताल प्रबंधक विजय कुमार सिंह बताते है कि कोरोना काल में विभिन्न जगहों के 4050 मरीजों का ईलाज किया गया था। सर्पदंश के 35 पीड़ितों को ईंजेक्शन प्रदान किया गया था।

अस्पताल प्रांगण में शनिवार को ईलाज कराने पंहुचे गाजीपुर के अशोक कुमारएबलिया की माधुरी देवीए चंदौली के दिलीप कुमार एवं मिर्जापुर के राहुल कुमार एवं आजमगढ़ की रेहना खातून ने पूछे जाने पर कहा कि ऐ साहेब हमनी खातिर मेथोडिस्ट अस्पताल वरदान बा। ऐह अस्पताल में ईलाज से काफी फायदा मिलल बा। अतित के आईने में अस्पताल. डुमरांव राज परिवार द्वारा दान में प्रदान किए गए जमीन पर मेथोडिस्ट अस्पताल की स्थापना वर्ष 1958 में किया गया था। स्थापना काल से यह अस्पताल अनवरत यक्ष्मा रोगियों के ईलाज में जुटा हुआ है।

मेथोडिस्ट अस्पताल के अधीक्षक डाण्आरण्केण्सिंह ने बताया कि अस्पताल में 165 साल से अस्पताल में यक्ष्मा रोगियों का ईलाज जारी है। प्रतिदिन अमूमन 150 से 200 संख्या में रोगी ईलाज को पंहुचते है। मेथोडिस्ट अस्पताल के विस्तार के क्रम में ईन दिनों आंख का भी ईलाज किया जाता है। सर्प दंश से पीड़ित के ईलाज को लेकर चैबीस घंटे चिकित्सक एवं कर्मी तैनात रहते है। अधीक्षक डाण्सिंह ने बताया कि बहुत जल्द ही इस अस्पताल को नए आयाम प्रदान करने की दिशा में स्थानीय प्रबंधन द्वारा प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। अस्पताल के शीर्ष प्रबंधन के निर्णय के बाद कार्य को गति जल्द मिलने की संभावना है।