संग्रामपुर / बीपी प्रतिनिधि। सरकार भले ही अवैध देसी शराब निर्माण को रोकने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रही हैं फिर भी देसी शराब निर्माण घटने के बजाय बढ़ती जा रही हैं। उसमें गुड़ ब्यवसाय से जुड़े लोगों की भूमिका अहम देखी जा रही हैं।इन दिनों थाना क्षेत्र में गुड़ बेचने वाले कि संख्या इतना इफजा हुआ हैं कि प्रतिदिन लगभग दो दर्जन से अधिक पिकअप गाड़ी पर गुड़ थाना क्षेत्र में विभिन्न स्थलों से प्रवेश कर रहा हैं जबकि वह गुड़ आम लोगो के खाने लायक भी नहीं है फिर भी उसकी बिक्री इतनी तेजी से हो रही हैं कि लोग सोचने पर मजबूर हैं कि आखिर यह गुड़ जा कहां रहें।
गुड़ के कारोबार करने वाले बताते हैं कि गुड़ की भेली आमजन खाते हैं लेकिन अभी जो गुड़ आ रहा हैं वह प्लास्टिक की बोरी में आ रहे हैं जो दुधारू मवेशी को खिलाने के काम में आता हैं जिसकी मांग अधिक हैं। जबकि कई दुधारू मवेशी पालकों से सम्पर्क किया गया तो नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि जो गुड़ बाजार में आ रहा हैं वह मवेशी पालकों के पहुच से दूर हैं। कारण के इस ब्यवसाय से जुड़े लोगों के पास गुड़ की खेप आते ही महज एक से डेढ़ घण्टे के अंदर इतनी तेजी से बिक जा रही हैं कि मवेशी पालकों को मिल ही नहीं पाता।
एक नजर दौड़ाया जाए तो बोरी वाली गुड़ की बिक्री मधुबनी बाजार,दरियापुर,संग्रामपुर समेत छोटे छोटे चौक चौराहे पर अधिक मात्रा में हो रही हैं।इससे जुड़े लोग भी निर्भीक होकर इस कारोबार को कर रहें हैं।
कारण की वे इसे दुधारू पशु पालकों के नाम पर बेच तो जरूर रहे हैं लेकिन यह गोरखधंधा सिर्फ देसी शराब बनाने वाले धंधे बाजो के सहारे फल फूल रहा हैं।और प्रसाशन इन कारोबारियों पर नकेल कसने के बजाए उस पर नकेल कसने के प्रयास में जुटी हैं जो या तो देसी शराब का धंधा करते हैं या निर्माण का काम करते हैं।