अवधेश कुमार शर्मा, बेतिया : पश्चिम चम्पारण जिला आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के बैनर तले बेतिया बलिराम भवन के सभागार में अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम एक बर्ष के दौरान दिवंगत मजदूरों को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। वर्तमान समय में मजदूर वर्ग के समक्ष चुनौतियों पर चर्चा की गई। जिसमें मजदूरों के दयनीय हालत और सरकार की उदासीनता पर प्रकाश डाला गया।
विशेष रुप से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की स्थिति पर विचार किया गया। मजदूर संगठनों के संघर्षों के बल पर मजदूरों के हित के लिए बने कानूनों को निरस्त किया जा रहा है। सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में सौप कर संगठित क्षेत्र के मजदूरों का भी निजीकरण किया जा रहा है। देश में सम्पत्ति का वितरण काफी असमान होता जा रहा है। देश के किसानों के साथ अब मजदूर, छात्र, नौजवान एवं महिलाएं भी आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रही है।
मजदूरों के लिए हायर एंड फायर की नीति अपनाई जा रही है। व्यापक बडे स्तर पर मजदूरों की छटनी भी की जा रही है। मजदूर दिवस के अवसर पर मजदूरों के अधिकारों में कटौती के विरुद्ध, समान काम के लिए समान वेतन की नीति अपनाने, मजदूरों के लिए पेंशन योजना लागू करने, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को स्थायी करने तथा उन्हें समाजिक सुरक्षा के दायरे में शामिल करने सम्बंधित मांगों को लेकर आंदोलन तेज करने का विचार किया गया। देश के केन्द्रीय श्रम संगठनों के आह्वान पर 9 अगस्त 2023 को जिला मुख्यालयों पर विशाल प्रदर्शन करने तथा केन्द्र सरकार के श्रम विरोधी नीति का प्रतिकार करने का आह्वान किया गया।
पश्चिम चम्पारण के एटक नेता ओम प्रकाश क्रांति ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जब जब देश संकट के दौर से गुजरा है, तब तब देश के मजदूर संगठित रुप से देश और संविधान की रक्षा के लिए आगे बढे है। फिर से देश को नफरत के आग में झोक कर देश के तमाम संवैधानिक मूल्यों को नष्ट किया जा रहा है। इसलिए मजदूर वर्ग की जिम्मेदारी बनती है कि अपने वर्गीय हितों की रक्षा के साथ देश के लोकतंत्र, संविधान एवं भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए आगे बढे।
विचार गोष्ठी में शिक्षक नेता रवीन्द्र किशोर राय, आशा नेत्री सीता देवी, आशा नेत्री रंजना चौहान, रसोईया संघ के नेता लालबाबु राम, बीगन देवी, खेत मजदूर नेता सुबोध मुखिया, योगेन्द्र शर्मा, किसान नेता अशोक कुमार मिश्र, रेणु देवी, नीतू कुमारी, साधना देवी, बब्लू दूबे ने अपने विचार व्यक्त किया।