-पूर्व सचिव को पावरफुल बनाने में पूरा सहयोग कर रहे एक और पूर्व सचिव
कानपुर, भूपेंद्र सिंह। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के पूर्व सचिवों ने अपनी उपयोगिता और वर्चस्व को कायम रखने के लिए अध्यक्ष और सचिव को नजर अन्दाज करने में कोई मौका नही चूक रहे। यही नही पूर्व सचिव युद्धवीर सिंह को पावरफुल रखने के लिए एक और पूर्व सचिव राजीव शुक्ला पूरा सहयोग कर रहे है। यूपीसीए के सभी अहम निर्णयों में पूर्व सचिव का पूरी तरह से हस्तक्षेप और दबाव बना हुआ है। बीते कई सालों से यूपीसीए के लिए किए जाने वाले अहम और महत्वपूर्ण निर्णयों में उनकी ही मुहर अन्तिम मानी जा रही है। अभी हाल ही में उनके वर्चस्व का नजारा सामने आया जब लखनऊ के इकाना स्टेडियम में अध्यक्ष निधिपति सिंहानिया और सचिव अरविन्द श्रीवास्तव के साथ मौजूद अन्य पदाधिकारियों को छोडकर युद्धवीर महेन्द्र सिंह धोनी को उपहार देने के लिए पूर्व सचिव राजीव शुक्ला् के बगल में खडे रहे जबकि सचिव को नजर अन्दाज करते रहे। य
ही नही अभी वह पिच के निर्माण को लेकर भी बयान दे रहे है जबकि यह निर्णय पिच एण्ड ग्राउन्डसमैन कमेटी के चेयरमैन की ओर से लिया जाना उपयुक्त होगा।गौरतलब है कि मेरठ कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर युद्धवीर सिंह उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ में प्रवेश क्या पाए उन्होंने उस पर अपना मालिकाना हक ही समझ लिया। यूपीसीए के पूर्व सचिव राजीव शुक्ला की निकटता उन्हें और रास आ गई। 2015 के बाद से युद्धवीर सिंह यूपीसीए के वरिष्ठ सदस्य बन गए वह आज भी अपना पद खोने के बाद भी पर्दे के पीछे से उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ की गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं।
संयुक्त सचिव बनने के बाद दोनों ने अपने लड़के को उत्तर प्रदेश की टीम का हिस्सा बना ही डाला साथ ही मेरठ के कम से कम सात खिलाड़ियों को भी प्रदेश के विभिन्न टीमों में शामिल करवाने का दम दिखाया।उनका झंडा इस कदर बुलंद है कि बिना किसी पद के भी एपेक्स कमेटी की बैठक को नियंत्रित कर रहे हैं तो कहीं सदस्यों की नियुक्ति व निष्कासन पर भी अपनी मुहर छाप रहे हैं। बताते चले की उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ में बीते दो साल से विवादों का दौर चल रहा है। यही नहीं युद्धवीर सिंह के खिलाफ भी मेरठ में एक साथ 2 पदों का लाभ लेने और बिना किसी ठोस प्रमाण के पीएचडी करने के बाद विश्वविद्यालय में नौकरी पाने की भी शिकायत दर्ज कराई गई है इस मामले की भी जांच चल रही है।
उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ को अघोषित रूप से चलाने वाले युद्धवीर पूरी तरह से प्रदेश के क्रिकेटरों के साथ तो अन्याय कर ही रहे हैं साथ ही अपने ही सहयोगियों और कर्मचारियों पर दबाव पूर्वक नियंत्रण रख रहे हैं। यूपीसीए के सूत्र बतातें है कि पूर्व सचिव राजीव शुक्ला को अपने पास पावर रखने के लिए कई सदस्यों की आवश्यकता है जिसमें युद्धवीर की पकड कई जिलों के पदाधिकारियों पर पूरी तरह से है और सभी को वोट देने के लिए दबाव पूर्वक निर्णय करा सकते है।एक पदाधिकारी ने बताया राजभवन से चल रही जांच को प्रभावित करने के लिए उन्हे संघ में प्रभावशाली दिखाया जा रहा हे जिससे जांच करने वाले अधिकारियों पर पूरी तरह से दबाव बना रहे।