स्टेट डेस्क/पटना : विगत दिनों पटना के स्टेशन गोलबंर से जीपीओ गोलंबर तक नगर निगम की टीम द्वारा अतिक्रमण के नाम पर फुटपाथ दुकानदारों पर बुलडोजर चलाये जाने खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे माले विधायक दल के नेता महबूब आलम पर पर मुकदमा कर दिया गया है. भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने इसकी कड़ी निंदा की है. नगर निगम ने उनके ऊपर सरकरी कामकाज में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है.
उन्होंने आगे कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर राजधानी पटना में फुटपाथ दुकानदारों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए उजाड़ने को जायज कैसे सही कहा जा सकता है? फुटपाथ दुकानदारों के लिए स्ट्रीट वेंडर (प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड एंड रेगुलेशन ऑफ वेडिंग – 2014) केंद्रीय कानून का बना हुआ है लेकिन उसका लगातार हनन करते हुए फुटपाथ दुकानदारों पर बुलडोजर चल रहे हैं. इस कानून के तहत सड़क किनारे बैठकर या चलायमान स्थिति में फुटपाथ दुकानदारों को अपनी दुकानें लगाने का अधिकार है, फिर सरकार उन्हें अचानक उजाड़ने का निर्णय कैसे ले सकती है?
उन्होंने नगर विकास मंत्री व बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी से इस मामले में हस्तक्षेप करने और फुटपाथ दुकानदारों के लिए पहले वेंडिंग जोन बनाने की मांग की है. सरकार से यह भी अपील की है कि माले विधायक दल के नेता महबूब आलम और अन्य आंदोलनकारियों पर से ऐसे फर्जी मुकदमे वापस लिए जाने चाहिए चाहिए. एक जनप्रतिनिधि जनता की मांग और उनके आंदोलन का नेतृत्व नहीं करेगा तो कौन करेगा? ऐसे मामलों में मुकदमा थोप देना लोकतांत्रिक प्रतिवादों का हनन है.