Biharsharif/Avinash pandey : सुंदरता एवं सौहार्द की सहजता को निरंतरता के सूत्र में बांधने वाला एक बेहतरीन सचेतक ही होता है। ऐसे लोग विकासक्रम की लड़ी लगा देते हैं। पारस्परिक निर्भरता और संवाद को माध्यम बनाकर अमनपसंद लोगों के दिलो पर राज करने की हर एक कोशिश इनके संस्कार में शामिल है। आज एक बार फिर इनकी काबिलियत ने ही इन्हें बड़ी जवाबदेही सौंपी है। बात हो रही 1994 बैच दारोगा व अब के पुलिस इंस्पेक्टर दीपक कुमार की। 8 मई 2024 को इंस्पेक्टर दीपक ने शहर के लहेरी थाने में बतौर थानाध्यक्ष की कुर्सी संभाली। अपने योगदान के तत्काल बाद इन्होंने कहा कि बस सबों से विश्वास और सहयोग की अपेक्षा रखता हूं।
दरअसल पिछले दिनों एक हिंसा को लेकर बिहारशरीफ का लहेरी थाना अचानक खासा चर्चे में आ गया। यहां के पूर्व के थानाध्यक्ष सुबोध कुमार के स्वयं के लिखित अनुरोध पर उन्हें पुलिस केंद्र भेजा गया। जिसके बाद इंस्पेक्टर दीपक कुमार को लहेरी थाने की जवाबदेही सुनिश्चित तौर पर अगले आदेश तक के लिए दी गई। अपराध नियंत्रण पर बेहतर परफॉर्मेंस देने वाले इंस्पेक्टर दीपक करीब डेढ़ दशक पूर्व नालंदा जिले के विभिन्न थानों में थानाध्यक्ष के पद पर कार्य कर चुके हैं।
निगरानी विभाग में भी रहे। इन्होंने कहा कि बेसिक पुलिसिंग को और मजबूत करना है। इनकी ही अगुवाई में दीपनगर थानाध्यक्ष के पद पर रहते हुए हजारों-हजार जिंदा कारतूस व विस्फोटक पदार्थ की बरामदगी हुई थी।तब के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विनित विनायक ने दीपनगर थाना परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर थानाध्यक्ष दीपक कुमार की पीठ थपथपाई थी।
हालांकि वर्तमान परिदृश्य यह बताता है कि इंस्पेक्टर सह लहेरी थानाध्यक्ष दीपक कुमार को अपने थाना क्षेत्र में बड़ी मेहनत करनी होगी। पब्लिक के बीच बेहतर रिलेशनशिप के साथ आसूचना तंत्र पर फोकस करना होगा। तब यह कहना गलत नहीं होगा ”दीपक की रौनक से रोशन होगा अपना थाना लहेरी”