स्टेट डेस्क/पटना : भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि 106 वर्ष पुराने पटना की सबसे खूबसूरत इमारत (हेरिटेज बिल्डिंग) पटना संग्राहलय भवन के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न की जाए. अखबारों व अन्य कुछ स्रोतों से पता चला है कि इस ऐतिहासिक बिल्डिंग के रेनोवेशन का कार्यक्रम बनाया गया है. साथ ही निवनिर्मित बिहार संग्रहालय से उसे जोड़ने के लिए एक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है. सुरंग के निर्माण हेतु पटना संग्रहालय का पिछला हिस्सा तोड़ा भी जा रहा है.
इस खबर से राज्य व देश भर का बुद्धिजीवी समुदाय बेहद चिंतित हुआ है. इंडो-सारा-सैनी शैली में बनी यह इमारत ‘जादू घर’ के नाम से प्रसिद्ध रही है. आशंका यह है कि रिनोवशन उसके सौंदर्य और उसके अस्तित्व को ही नष्ट कर देगा. यह ऐतिहासिक संग्रहालय महात्मा बुद्ध का अस्थि कलश, 200 मिलियन वर्ष प्राचीन 53 फीट लंबा देश का सबसे बड़ा फॉसिल्स ट्री, प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में लिखे गए महापंडित राहुल सांकृत्यायन के द्वारा भारतीय इतिहास की तिब्बत से लाई गई 6 हजार से ज्यादा दुर्लभ पांडुलिपियां, मोहनजोदड़ो के पुरातत्वों, सबसे बड़े पुरामुद्रा बैंक, यक्षिणी और बुद्धिस्ट पुरातत्वों की वजह से दुनिया में विशिष्ट व चर्चित रहा है.
विदित हो कि राहुल सांकृत्यायन पटना संग्रहालय के सबसे बड़े दानदाता रहे हैं. उनकी पुत्री जया सांकृत्यायन भी पटना संग्रहालय की रक्षा के लिए बिहार के मुख्यमंत्री को कई बार पत्र लिख चुकी हैं. हम बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से अपील करते हैं कि पटना संग्राहलय के अस्तित्व को लेकर उठ रहे सवालों पर गंभीरता से विचार करें और उठ रही आशंकाओं का समाधान करें.