— “अवर नर्सेज; अवर फ्यूचर” है इस वर्ष की थीम
Biharsharif/Avinash pandey : जन सेवा के लिए समर्पित नर्सों को उनके बहुमूल्य योगदान के लिए विश्व भर में 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस मनाया जाता है। आधुनिक नर्सिंग की जनक फ्लोरेंस नाईटेंगल की याद में विश्व भर में इस दिवस को प्रत्येक साल मनाया जाता है। “अवर नर्सेज; अवर फ्यूचर” इस वर्ष की थीम है। नर्सिंग स्वास्थ्य सेवा की सबसे बड़ी इकाई है तथा नर्सेज स्वास्थ्य विभाग के लक्ष्यों की प्राप्ति की एक अहम् कड़ी है। वर्ष 1974 में मई 12 को अन्तराष्ट्रीय नर्सेज दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
नर्सिंग को विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य सेवा के रूप में देखा जाता है। रोगियों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से राहत पहुंचाने में नर्सों का योगदान हमेशा से ही महत्वपूर्ण समझा गया है। इस दिवस के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं में नर्सों के योगदान को याद करने, रोगियों के कल्याण के लिए नर्सों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना करने के लिए है।
उपमुख्यमंत्री करेंगे नर्सों को सम्मानित:
उत्कृष्ट एवं सराहनीय सेवाएं प्रदान करने वाले नर्सिंग कर्मियों को उपमुख्यमंत्री-सह-स्वास्थ्य मंत्री, बिहार सरकार द्वारा “फ्लोरेंस नाईटेंगल” पुरस्कार से सम्मनित किया जायेगा। इस बाबत सचिव स्वास्थ्य-सह-कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार संजय कुमार सिंह ने सभी अस्पताल अधीक्षक एवं सिविल सर्जन को पत्र जारी कर सभी नमित नर्सों को 12 मई को पटना स्थित उर्जा ऑडीटोरियम में अचूक रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
मेट्रन नर्स रेनू कुमारी को दिया जायेगा “फ्लोरेंस नाईटेंगल” पुरस्कार:
सदर अस्पताल, बिहारशरीफ में मेट्रन नर्स के रूप में उत्कृष्ट एवं सराहनीय सेवा प्रदान करने के लिए रेनू कुमारी को उपमुख्यमंत्री द्वारा “फ्लोरेंस नाईटेंगल” पुरस्कार से नवाजा जायेगा। रेनू कुमारी बताती हैं कि रोगियों को मानसिक रूप से अधिक सहयोग की जरूरत होती है। नर्सों का फर्ज होता है कि वह मरीज से प्यार और संवेदना से पेश आये तथा मरीज की पीड़ा को समझते हुए जरूरी सलाह व चिकित्सा प्रदान करें।
इसका पूरा ख्याल रखते हुए वह भी मरीजों की संवेदनाओं को समझती हैं एवं उनकी पीड़ा को कम करने का हर संभव प्रयास करती हैं। वह बताती हैं कि मरीज को सही एवं शीघ्र उपचार दिलाने के लिए डॉक्टर व नर्स के बीच बेहतर संवाद की बेहद जरूरत होती है। इसलिए वह आने वाले रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने के लिए डॉक्टर के साथ संवाद पर बल देती हैं।