पूर्णिया : पिछले बार आई भीषण बाढ़ में जिले में तकरीबन 8 हजार से अधिक गाय एवं भैसों के रख-रखाव की व्यवस्था की गई थी…जिला प्रशासन की मदद हो तो दुग्ध उत्पादक जिला बन सकता है पूर्णिया…पढ़ें पूरी खबर

पूर्णियाँ

-किसानों को आर्थिक रूप से सबल एवं आत्मनिर्भर बनाने हेतु मिल्क कलेक्शन नेटवर्क बनाने की योजना-
-डोर टू डोर सर्वे का चलाया जाएगा बड़ा अभियान-

पूर्णिया:-18 मई(राजेश कुमार झा) कुंदन कुमार जिला अधिकारी पूर्णिया के द्वारा किसानों को आर्थिक रूप से सबल बनाने के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा उद्योग धंधों को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर पूर्णिया बनाने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की गई। समीक्षात्मक बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि पूर्णिया जिले में खेती के साथ साथ आजीविका का प्रमुख साधन पशुधन है। अतएव जिलाधिकारी महोदय ने दुग्ध उत्पादक को बढ़ावा देने एवं दूध प्रोडक्ट के मार्केटिंग के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया।

बैठक में उपस्थित सीईओ कमफेड के द्वारा बताया गया कि पूर्णिया जिला मुख्यालय में स्थित कोसी डेरी प्रोजेक्ट,मरंगा की प्रतिदिन दूध पैकेजिंग क्षमता लगभग 1.3 लाख लीटर है परंतु जिला से मात्र 50000 लीटर दूध का ही संग्रहण हो पा रहा है।शेष अन्य जिलों से सुधा का दुग्ध ला कर आपूर्ति करना पड़ता है।इस बात पर जिलाधिकारी महोदय ने किसानों के हित के लिए जागरूकता अभियान चला कर पूर्णिया जिला को इस दिशा में आत्मनिर्भर बनाने तथा दूध उत्पादन के क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देने का निर्देश संबंधित अधिकारी को दिया.जिला पदाधिकारी महोदय द्वारा पूर्णिया जिला में ज्यादा से ज्यादा दूध उत्पादन हो एवं अन्य ज़िलों से खरीद करने की आवश्यकता ना हो इस दिशा में कार्य करने हेतु कई आवश्यक निर्देश संबंधित पदाधिकारी को दिया गया।

इसी कड़ी में जिला अधिकारी महोदय ने एक मिल्क कलेक्शन नेटवर्क तैयार कर इच्छुक सभी किसानों को एक प्लेटफार्म पर लाकर बड़े पैमाने पर दुग्ध का संग्रहण कराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से एक बड़ा अभियान चलाने की बात कही।इस प्रोजेक्ट से संबंधित अधिकारी को यह निर्देश दिया गया कि किसान सलाहकार एवं कृषि समन्वयकों के द्वारा दिनांक 18.05.2023 से दिनांक 23.05.2023 तक विहित प्रपत्र में डोर टू डोर पशुधन का सर्वेक्षण एवं दुग्ध उत्पादक किसानों से दुग्ध उत्पादन एवं कमफेड को दूध बिक्री के संबंध में जानकारी इकट्ठे कर उसका एक डेटाबेस बनाने का निर्देश दिया गया.ताकि उस डाटाबेस की मदद से मिल्क कलेक्शन नेटवर्क प्रोजेक्ट के तहत असंगठित तरीके से संचालित इस सिस्टम को एक व्यवस्थित तरीके से चलाकर किसान भाइयों को आर्थिक रूप से सबल किया जा सके एवं आत्म निर्भर पूर्णिया का निर्माण किया जा सके।

जिलाधिकारी महोदय ने दूध संग्रहण के लिए एक रोडमैप भी तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि दुग्ध संग्रहण समिति की मैपिंग करते हुए एक रूट निर्धारित कर ऑटोमैटिक मिल्क कलेक्शन यूनिट लगाया जाए ताकि किसानों को दुग्ध संग्रहण केंद्र पहुंचने में कम से कम समय लगे.साथ ही साथ यह भी बताया कि बारिश के समय दूध बेचने ,समय पर राशि का भुगतान नहीं होने जैसी समस्याओं से पशुपालकों को मुक्ति भी मिल जाएगी और कमफेड द्वारा साल भर दूध लेने की गारंटी भी मिल जाएगी।

बताते चलें कि अभी जिले में केवल दूध का संग्रहण एवं विपणन किया जा रहा है पर दूध से बने उत्पाद का प्रोडक्शन नहीं किया जा रहा। इस पर जिला पदाधिकारी महोदय ने दुग्ध से बनने वाले प्रोडक्ट यथा- दही, घी,लस्सी, रबड़ी इत्यादि में किस प्रोडक्ट की खपत पूर्णिया जिला में सबसे अधिक है का सर्वे करा का उस प्रोडक्ट का उत्पादन पूर्णिया जिला में कराने की दिशा में अग्रेत्तर कारवाई करने का निदेश सीईओ,कम्फ़ेड को दिया। बैठक में मो॰आरिफ अहसन, नगर आयुक्त, श्री नीरज पांडेय, निदेशक डीआरडीए, जिला कृषि पदाधिकारी,सीईओ कम्फ़ेड एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।