संसद के नये भवन का उद्घाटन राज्याभिषेक जैसा, लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों पर क्रूर हमला!

पटना

इंसाफ की लड़ाई लड़ रहीं महिला पहलवानों पर पुलिसिया दमन व गिरफ्तारी शर्मनाक!

स्टेट डेस्क/पटना : भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि एक तरफ आज दिल्ली में संसद के नये भवन का उद्घाटन एक राजा के राज्याभिषेक की तरह हो रहा था, ठीक उसी समय उसी दिल्ली में इंसाफ के लिए महिला सम्मान पंचायत में एकत्रित महिला पहलवानों और नागरिकों पर बर्बर दमन ढाए गये और कई लोगों की गिरफ्तारियां हुईं. यह लोकतंत्र और संविधान की आत्मा व मूल्यों पर क्रूर हमला है.

ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने भी महिला पहलवानों और नागरिकों पर पुलिसिया दमन की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि धरना स्थल के साथ-साथ अन्य दूसरी जगहों से भी महिला कार्यकर्ताओं की घसीट-घसीट कर गिरफ्तारी हुई. न्याय की मांग करने वालों के लिए आज पूरी दिल्ली को पुलिस छावनी और जेल में तब्दील कर दिया गया. पुलिस ने महिला पहलवानों के सामान व कपड़े भी उठा लिए. महिला पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे आइसा, आरवाइए, ऐक्टू और ऐपवा के दर्जनों कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. ऐक्टू की राष्ट्रीय सचिव सुचेता डे और आइसा नेता नेहा बोरा सहित कई लोगों की गिरफ्तारी हुई है. यह बेहद शर्मनाक है.

उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में महिला पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिवाद के कार्यक्रम आयोजित किए गए. बिहार की राजधानी पटना में भी बुद्धा स्मृति पार्क के पास आइसा-ऐपवा के बैनर से सैकड़ों की तादाद में छात्र-युवा व महिलाओं ने अपनी भागीदारी निभाई. यौन उत्पीड़क भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बचाव में मोदी सरकार की ऐसी शर्मनाक कार्रवाइयों के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी.