नवादा(रवीन्द्र नाथ भैया) जिले के वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र के हाजीपुर पंचायत की मिल्की गांव वार्ड संख्या एक में नल-जल योजना का पानी नहीं पहुंचने की शिकायत को लेकर मुहल्लेवासियों ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है। इस रोहिणी नक्षत्र की भीषण गर्मी में पानी मुहल्ले की आधे से अधिक आबादी को नहीं मिल रही है।
19 मई के बाद 2 जून 2023 को मुहल्ले के लोगो ने जिलाधिकारी को स्मारित कराते हुए पुनः आवेदन दिया है। वार्ड के दर्जनों लोगों द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन में कहा गया है कि मिल्की वार्ड नंबर एक का हिस्सा है, जिसमें जल-नल का बोरिंग नहीं होने तथा जलस्तर काफी नीचे चले जाने के कारण सभी बैकल्पिक पानी का स्रोत बन्द हो गया है। भीषण गर्मी में मुहल्लेवासियों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
कहा गया कि मुहल्ले में पिछड़ा, अति पिछड़ा, अल्पसंख्यक एवं अनुसूचित समुदाय के लोग निवास करते हैं। गर्मी की शुरुआत होते ही मुहल्ले तथा घरों में लगे लगभग सभी चापाकल बंद हो गए हैं या नहीं के बराबर पानी दे रहा है, जिस कारण मुहल्ले के लोगों को पीने के पानी के साथ साथ नहाने व अन्य उपयोग के लिए परेशान होना पड़ रहा है। आवेदन में कहा गया है कि पानी की कमी के कारण भीषण गर्मी में भी प्रतिदिन स्नान व कपड़ा धोने का कार्य मुहल्लेवासी नहीं कर पा रहे हैं। मुहल्ले के गरीब लोग आपस में चंदा इकट्ठा कर कुछ चापाकल का मरम्मत कराया , बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
फलस्वरूप मुहल्ले के लोगों को पंचायत के गरेडिया बीघा तथा बघार आदि में चल रहे निजी नलकूप के सहारे प्यास बुझाने को ले पानी ढोकर लाना पड़ रहा है। पंचायत के सरपंच संजय कुमार ने बताया कि वार्ड नंबर एक के अनुसूचित टोला में एक बोरिंग है जो बंद है। बताया गया कि अनुसूचित टोले में लगाए गए नल-जल का पाइप मुहल्ले में नहीं बिछाया गया है। जिस कारण अभी तक मुहल्लेवासियों को नल-जल का लाभ नहीं मिल सका है। पानी की किल्लत झेल रहे मुहल्लेवासी आक्रोशित हैं तथा जिलाधिकारी को दो बार आवेदन दे चुके हैं, लेकिन इनकी समस्या के प्रति अधिकारी गंभीर नहीं है।
पानी लेने में हो जाती है तू-तू, मैं-मैं:-
ग्रामीण सह हाजीपुर ग्राम कचहरी के सरपंच ने बताया कि 19 मई को दिए आवेदन पर जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तब शुक्रवार को पुनःजिलाधिकारी को आवेदन देकर मुहल्ले में पानी उपलब्ध कराने की गुहार लगाई गई है। बताया गया कि पानी की किल्लत को देखते हुए गांव के लोग बधार में चल रहे बोरिंग या गांव में ही चल रहे दूसरे बोरिंग से पानी लेने पहुंचते हैं, जहां अत्यधिक भीड़ जमा हो जाने के कारण बोरिंग मालिक के साथ तू-तू मैं-मैं तक की नौबत आ जाती है।
इस संबंध में बीडीओ से बात करने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो सकी.